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माल में खुली डिजिटल डाक्टर क्लीनिक, जल्द ही अन्य ग्रामों में भी होगी शुरुआत

  • उप्र में निवेश को लेकर डिजिटल डाक्टर क्लीनिक परियोजना ने बढ़ाये कदम
  • ग्रामीणों को मिलेगी बेहद सस्ती प्राथमिक चिकित्सा परामर्श, ब्लड टेस्ट और दवाईयां की सुविधा

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर डिजिटल डाक्टर क्लीनिक परियोजना ने कदम बढ़ाते हुए रविवार को यहां ग्राम नारायनपुर, ब्लाक माल में राज्य में तीसरी और लखनऊ में दूसरी डिजिटल डाक्टर क्लीनिक का शुभारंभ किया गया। जिसका उद्घाटन डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक के सीईओ संजय कुमार ने किया। इस मौके पर कई प्रमुख लोग मौजूद थे।

इससे पहले प्रदेश की राजधानी के पिपरसण्ड और सीतापुर के ग्राम गनेशपुर, ग्राम पंचायत भिमरी, ब्लाक खैराबाद में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक सफलतापूर्वक शुरू की जा चुकी है। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य की ग्राम पंचायतों में ग्रामीणों को बेहद सस्ती प्राथमिक चिकित्सा परामर्श, ब्लड टेस्ट और दवाईयां की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ओब्डू ग्रुप के साथ 3350 करोड़ के निवेश का समझौता किया है। यह क्लीनिक योगी सरकार की पहल के अन्तर्गत शुरू हुयी।

इस तीसरी डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक का उद्घाटन परियोजना को तैयार कर धरातल पर लाने वाली ओब्डू ग्रुप के सीईओ संजय कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश की प्रत्येक ग्रामीणों तक बेहतर चिकित्सा व जरूरी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये राज्य के सभी ग्राम पंचायतों में डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक स्थापित की जा रही है। जिसके क्रम में तीसरी डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक की शुरूआत आज यहां की जा रही है। इसके उपरान्त जिले में सात व राज्य में बत्तीस और क्लीनिक खुलने के लिये पूरी तरह तैयार है। इस क्लीनिक के शुरू होने से ग्रामीणों को चिकित्सकों के द्वारा ऑनलाईन परामर्श के साथ सभी प्रकार के फीवर प्रोफाइल जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, लिवर फंक्शन, शुगर पीलिया आदि जरूरी टेस्ट के साथ आवश्कतानुसार अल्ट्रासाउंड की सुविधा उपलब्ध होगी। मौके पर ही तीन से पांच मिनट में टेस्ट रिपोर्ट उपलब्ध होने के आधार पर दवाईयां भी उपलब्ध करायी जायेगी।

संजय कुमार ने बताया कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना में होने वाला निवेश 3350 करोड़ है। पूरा प्रोजेक्ट 10,000 करोड़ का है, जिसमें प्रथम चरण में 3350 करोड़ के एमओयू के साथ किया गया है। यह परियोजना ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र के स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करेगी, जिससे झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाली मृत्यु दर को काम किया जा सकेगा। इसके साथ ही डॉक्टरों की लापरवाही से होने वाले मृत्यु दर को अब काम किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक न केवल ग्राम पंचायत तक सीमित रहेगी बल्कि ब्लॉक स्तर पर भी 20 से 50 बेड के अस्पताल बनाकर ग्रामीणों को सरकारी योजनाएं जैसे आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाएगा। डिजिटल डॉक्टर क्लीनिक परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश की ऐसी पहली योजना है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकी का इस्तेमाल करके ग्रामीण तथा सुदूर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। क्लीनिक पर मरीजों की केयर करने के लिए अटेंडेंट भी मौजूद रहेंगे।