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गायन, वादन और नृत्य संग शास्त्रीय संगीत से शिव की आराधना

  • संगीत भवन के 37वें वार्षिकोत्सव में गायन वादन और नृत्य की त्रिवेणी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। शास्त्रीय संगीत से रविवार को अवध की शाम सजी। वाल्मीकि रंगशाला में आयोजित संगीत भवन एकेडमी के 37वें वार्षिकोत्सव में एक ओर जहां गायन, वादन और नृत्य की त्रिवेणी में संगीत अनुरागियों ने गोते लगाये वहीं संगीत के माध्यम से शिव आराधना हुई। दीप प्रज्ज्वलन और संगीत गुरु कमल डेविड के चित्र पर माल्यार्पण से शुरू हुए कार्यक्रम में अंतरा भट्टाचार्य ने संगीत भवन एकेडमी की अविराम यात्रा का उल्लेख करते हुए दर्शकों का स्वागत किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ राग मिश्र काफी पर आधारित सामूहिक सितार वादन से हुआ। जिसमें मीहिका गांगुली, प्रवीन गौर, अमेया सिंह, भव्या गुप्ता, नेहा प्रजापति, चंदा, मधु सिंह और पद्मा बत्रा सम्मिलित रहे। अर्चित अग्रवाल और सार्थक मिश्र के तबला वादन में बनारस, फर्रुखाबाद, पंजाब आदि घरानों के संगीत की प्रचलित बंदिशें मुखरित हुई।

इसके बाद सौम्या गोयल, अव्युक्ता, मीहिका, अथर्व, अविका, कर्णिका, आर्या, अमेया, आराध्या, डा. रवि लेले, शीर्षा अग्रवाल और भव्या गुप्ता ने राग अहीर भैरव में शिव स्तुति की। तबले पर खुशाल कुमार ने संगत की। कथक के तीन समूहों ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुतियां दीं। जिसमें स्मिता पाण्डेय, अनिका, अंजलि, शान्वी, श्रीयादीप, गुनाश्री, नेहा, स्नेहा, आरुषी, डा. नमिता, सुमन मिश्रा आदि प्रमुख रहे। कला समीक्षक डा. एसके गोपाल एवं लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र वितरित किया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ गायिका पद्मा गिडवानी, गायत्री कमल डेविड, तुषारकान्ति भट्टाचार्य, निवेदिता भट्टाचार्या, आईएफएस एन. रवीन्द्र, सुधा द्विवेदी, रत्ना अस्थाना समेत अन्य मौजूद रहे।