स्टेट बैंक स्टाफ एसोसिएशन द्वारा 11वां त्रैवार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। हमें ग्राहक सेवा एवं अनुपालन पर और अधिक जोर देने की जरूरत है, जो बैंक अपनी सेवाओं और अनुपालन में आगे रहेगा वही बैंकिंग सेक्टर में रह सकेगा। रविवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन के 11वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद एसबीआई के मुख्य महाप्रबन्धक शरद स. चांडक ने कही। प्रथम पूज्य श्री गणेश व माँ सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्ज्वलन के साथ अधिवेशन का शुभारंभ किया गया।
अयोध्या मार्ग स्थित आनंदी वाटर पार्क में आयोजित इस अधिवेशन की अध्यक्षता कामरेड अजय पांडेय ने की। अधिवेशन में बतौर विशिष्ट अतिथि कामरेड संजीव कुमार बंदलिश (चंडीगढ़) व कामरेड अरुण भगोलीवाल (भोपाल) के साथ स्टेट बैंक के विभिन्न मंडलों के अध्यक्ष, महासचिव, पर्यवेक्षकों सहित 1400 से अधिक सदस्य उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मंडल महामंत्री कामरेड दिनेश कुमार सिंह ने श्रमिक विरोधी कानूनों की समाप्ति, बैंकों के निजीकरण का विरोध, सभी कर्मचारियों को बोनस, पांच दिवसीय बैंकिंग शीघ्र करने, आउटसोर्सिंग को समाप्त करने, पेंशन और पारिवारिक पेंशन को अपडेट करने हेतु भारत सरकार को इन्हें शीघ्र लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा “न हमें रुकना है और न थकना है।’’
संजीव कुमार बंदलिश (संयोजक-यूएफबीयू तथा महामंत्री-एआईएसबीआईएसएफ) ने बताया कि हमारा संगठन 20 जुलाई 1920 को पंजीकृत हुआ, जो आज लाखों सदस्यों के साथ एक विशाल वटवृक्ष बन चुका है। उन्होंने वेतन समझौते पर हुए अनेक लाभों बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि संगठन की ताकत ही है जो आज सभी कर्मचारियों की मांग पूरी हो रही है।
एआई एसबीआई एसएफ के अध्यक्ष कामरेड अरुण भगोलीवाल ने स्व. कामरेड एमआर अवस्थी को याद करते हुए कहा कि हमारे संगठन का यह स्वरूप उनके अथक परिश्रम, त्याग एवं बलिदान का परिणाम है।’ सभी ने कामरेड एमआर अवस्थी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रतिनिधि सत्र में महामंत्री ने रिपोर्ट तथा संगठन के आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। इसके पश्चात बैंकिंग क्षेत्र की समस्याओं से जुड़े प्रस्तावों को भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी के विचारार्थ एवं स्वीकार करने हेतु प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर इसी माह सेवानिवृत्ति हो रहे कामरेड संजीव कुमार बंदलिश (चण्डीगढ) व कामरेड अरूण भगोलीवाल, (भोपाल) को अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह देकर विशेषरूप से सम्मानित किया गया।
अधिवेशन को राजीव सिंह सेंगर, अनिल कुमार गौतम, प्रदीप के0 वैश्य, जी0 कृपाकरन, आर0 श्रीराम, एल0 चन्द्रशेखर, अभयदेव शर्मा, सुदीप दत्ता, इकबाल सिंह मलाही, सतीश कुमार झिंगन, वी. श्रीधरन, पीए ख्वाजा फकरूदीन, मनमोहन कपूर, पंकज कौशिक, दिबाकर चक्रवर्ती, श्यामंता कोनवार, सीएच श्रीधर, केएस शाडिल्य, अजात शत्रु, विनोद तनवर, सतीश एम. राने, शिवप्रसाद पी. भामरे, मुन्ना कुमार झा, राजू कुमार सिंह, रजथ एच.सी., अखिल एस., राजेश कुमार कौशल, एम. श्रीनिवास, कुलदीप सिंह बावेजा, मनीष आर. सूर्वे आदि ने भी संबोधित किया।
अधिवेशन के आयोजन में शिवकुमार सिंह, आशुतोष वर्मा, तारकेश्वर चौहान, आशीष विश्वकर्मा, आरपी सिंह, ब्रजेश तिवारी, अदनान रसूल, अंकुर अग्रवाल, इंद्रराज यादव, दीपेन्द्र शुक्ला, राकेश वर्मा, सतीश शुक्ला, राजेश शुक्ला, अनुपम कुमार, अनिल श्रीवास्तव एवं अनिल तिवारी आदि का सराहनीय सहयोग रहा। मंच का सफल संचालन कामरेड आशुतोष वर्मा एवं शुभ्रा अग्रवाल द्वारा किया गया। अंत में मंडल अध्यक्ष कामरेड अजय पाण्डेय ने सभी अतिथियों तथा देशभर से आये साथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुये सभी सदस्यों को इसी प्रकार एकजुट बने रहने का आवाह्न किया।