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मां को न्याय दिलाने की कोशिश में लगी बेटी के साथ गैंगरेप

चार माह से नामजद आरोपियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं

मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंची मां-बेटी, लगायी न्याय की गुहार

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सम्पत्ति के लालच में अपनों के हाथों बेहद क्रूर और दिल दहला देने वाली घटना की शिकार हुयी युवती का मामला सामने आया है। इस मामले में वर्षों से बंधक अपनी मां को छुड़ाने के बाद उसके साथ हुये अन्याय का पर्दाफाश कर दोषियों को सजा दिलाने में जुटी 22 वर्षीय उसकी बेटी खुद ही गैंगरेप का शिकार हो गयी।

नामजद रिपोर्ट के बावजूद न्याय पाने के लिये दर-दर की ठोकरें खा रही मां-बेटी हिन्दूवादी संगठन हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ कारवाई की मांग कर न्याय की गुहार लगायी।

असल मामला गैंगरेप पीड़िता को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित ननिहाल में विरासत में मिली 350 बीघा जमीन का है। जिसको हड़पने के लिये बीते 34 वर्षोंं से पीड़िता के चचाजात मामा और उनके बच्चे कोशिश में लगे हुये है। इस क्रूर और दिल दहला देने वाले मामले में सगे मामा, बहन आदि लोगों की हत्याओं और मां को वर्षों तक बंधक बनाकर रखने वाले आरोपियों को सजा दिलाने के लिये सुबूत जुटाने में जुटी युवती के पकड़े जाने के बाद आरोपियों ने उसके साथ बीते 13 मार्च को कचेहरी से अपहरण कर गैंगरेप किया।

क्रूरता की सारी हदें तब और पार हो गयी जब गैंगरेप के बाद बोरी में बांधकर ट्रेन में ले जाकर टॉयलेट में बारी-बारी से एक बार फिर रेप को अंजाम दिया और अर्धचेतन अवस्था में छोड़कर भाग गये। ट्रेन यात्रियों और अन्य लोगों की मदद से कपड़े पहनने को मिले और दिल्ली में हिन्दू महासभा के पदाधिकारियों के सहयोग से इम्तियाज हुसैन, इरफान हुसैन, अफसर हुसैन और इसरार हुसैन के नाम एफआईआर दर्ज करायी। दिल्ली पुलिस ने अरूणा आसफ अली हॉस्पिटल में मेडिकल कराया, जिसकी रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुयी। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने केस उत्तर प्रदेश के रामपुर के शहजादपुर थाने में स्थानान्तरित कर दिया।

लगभग चार माह के बाद भी अपराध संख्या-59/2024 में धारा 376डी, 342, 365, 34 आईपीसी गम्भीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद भी आरोपियों के खिलाफ काररवाई न होने के कारण पीड़िता ने अपनी मां के साथ मुख्यमंत्री के जनता दरबार में गुहार लगाने के बाद इस मामले में कई और गंभीर घटनाओं का खुलासा किया। पीड़िता ने कहा कि क्रूर और दिल दहला देने वाली घटना को अंजाम देने की शुरुआत वर्ष 1991 में मेरे मामा की हत्या से हुयी जो अपनी 50 बीघा भूमि पर मन्दिर बनवाना चाहते थे। उनका यही निर्णय परिवारवालों को नागवार गुजरा, जिसका परिणाम कई मौतों और मां के बंधक के बाद मेरे गैगरेप के रूप में सामने है। फिलहाल फैशन डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम कर रही 22 वर्षीय पीड़िता ने सरकार पर भरोसा जताया है कि उसे जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।