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एसआईआईसी, IIT कानपुर और जीबी पंत विश्वविद्यालय के बीच हुआ MOU

पंतनगर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। कृषि में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए, आईआईटी कानपुर में स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) और जीबी पंत कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएएंडटी) ने उत्तराखंड के पंतनगर स्थित जीबीपीयूएएंडटी में “एग्रीटेक इनोवेशन एंड स्टार्टअप मीट” की संयुक्त मेजबानी की।

इस कार्यक्रम में कृषि नवाचार क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने अपने विचार रखे, जिनमें डॉ. अजीत सिंह नैन (अनुसंधान निदेशक, जीबीपीयूएएंडटी), प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय (सह-प्रभारी प्रोफेसर, एसआईआईसी आईआईटी कानपुर), और डॉ. अमिता जोशी (उप महाप्रबंधक, बीआईआरएसी) ने दोनों संस्थानों के कृषि प्रौद्योगिकी स्टार्टअप्स को विचार और विकास से लेकर सत्यापन, नियामक अनुपालन, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के साथ जुड़कर बाजार तक पहुंच आदि की यात्रा में समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

जीबीपीयूएएंडटी के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान ने देश के उत्तरी क्षेत्र में कृषि प्रौद्योगिकी नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के उत्थान के लिए इस साझेदारी की महत्वपूर्ण क्षमता पर प्रकाश डाला।

एसआईआईसी आईआईटी कानपुर के सह-प्रभारी प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने कहा, “जीबी पंत विश्वविद्यालय के फैकल्टी और छात्र सदस्यों की ओर से प्रदर्शित उत्साह बहुत ही प्रभावशाली था। मुझे विश्वास है कि यह संबंध इन दो महान संस्थानों और सम्पूर्ण भारतवर्ष के स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए वांछित परिणाम देगा।”

जीबीपीयूएएंडटी के अनुसंधान निदेशक डॉ. अजीत सिंह नैन ने इस साझेदारी के दूरगामी प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आईआईटी कानपुर के सहयोग से आयोजित यह एक दिवसीय कार्यशाला, नवाचार और उत्कृष्टता की दिशा में हमारे विश्वविद्यालय के प्रयासों को जारी रखेगी। हम इन विचार-विमर्शों से भविष्य की प्रगति के लिए एक मजबूत नींव रखने की उम्मीद करते हैं।”

डॉ. अमिता जोशी ने बीआईआरएसी के माध्यम से कृषि स्टार्टअप के लिए उपलब्ध वित्तपोषण अवसरों पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की। स्टार्टअप को अपनी प्रौद्योगिकियों के परीक्षण और सत्यापन में सहायता के लिए उपयुक्त संस्थागत सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करने के महत्व पर बल दिया।

इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर और जीबी पंत विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान था। यह समझौता ज्ञापन सहयोग, तकनीकी मार्गदर्शन की सुविधा और स्टार्टअप्स को समर्थन देने के लिए संयुक्त प्रयासों के लिए एक रूपरेखा स्थापित करता है। एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर के प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय और जीबीपीयूएएंडटी के डॉ. एएस नैन ने कार्यक्रम के दौरान समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।

इस कार्यक्रम ने दोनों विश्वविद्यालयों के स्टार्टअप्स को अपने परिवर्तनकारी उपक्रमों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान किया। एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर और जीबीपीयूएएंडटी के स्टार्टअप्स ने उपस्थित लोगों के सामने अपनी नवीन तकनीकों को प्रस्तुत किया। इस मंच ने स्टार्टअप्स और वैज्ञानिकों के बीच बातचीत और संभावित सहयोग को सक्षम बनाया, जिससे उत्तर भारत में एक अधिक मजबूत कृषि उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।

“आईआईटी कानपुर और जीबी पंत विश्वविद्यालय के बीच सहयोग के अवसर तथा उत्तर भारत में कृषि उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने की रणनीतियां” शीर्षक से एक आकर्षक पैनल चर्चा ने सहयोग की भावना को और बढ़ावा दिया।

एग्रीटेक इनोवेशन और स्टार्टअप मीट 2024 का समापन शानदार तरीके से हुआ। जिसमें एसआईआईसी आईआईटी कानपुर और जीबीपीयूएएंडटी के बीच एक आशाजनक साझेदारी की शुरुआत हुई। यह सहयोग नवाचार को बढ़ावा देने, स्टार्टअप को सशक्त बनाने और अधिक टिकाऊ भविष्य के लिए प्रभावशाली एग्रीटेक समाधानों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।

जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बारे में
1960 में स्थापित जी.बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीबीपीयूएटी), जिसे पंतनगर विश्वविद्यालय के नाम से भी जाना जाता है, को भारत का पहला कृषि विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त है। उत्तराखंड में स्थित यह सरकारी विश्वविद्यालय भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सफल साझेदारी का प्रतीक है। इसकी स्थापना ने देश में कृषि शिक्षा, अनुसंधान और विस्तार में क्रांति ला दी, जिससे 31 अतिरिक्त कृषि विश्वविद्यालयों के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।