कर्मचारियों को सम्यक दृष्टि से काम करने की जरूरत : प्रो. कृष्ण कुमार सिंह
वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के कौशल विकास हेतु 18 जून से 22 जून तक आयोजित कौशल संवर्धन कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को गालिब सभागार में किया गया। अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. सिंह ने विश्वास जताया कि कौशल संवर्धन कार्यशाला के माध्यम से कर्मचारियों को नई ऊर्जा से काम करने का अवसर मिलेगा और उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि किसी भी संस्थान में कर्मचारी संस्थान को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, इस दिशा में उन्हें नए प्रशासनिक नियमों एवं कानूनों का परिचय होना आवश्यक है। उन्होंने कर्मियों से अपेक्षा की कि वे सम्यक दृष्टि रखकर अपने कार्य से संस्थान को नई उंचाई प्रदान करें।
उद्घाटन कार्यक्रम में मंच पर कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील, वित्ताधिकारी पी. सरदार सिंह, परीक्षा नियंत्रक क़ादर नवाज़ ख़ान, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के सहायक राजभाषा निदेशक डॉ. मुनीन्द्र मिश्र उपस्थित थे। पांच दिवसीय कार्यशाला का निर्देशन एवं संयोजन कुलसचिव प्रो. आनन्द पाटील कर रहे हैं। अपने स्वागत भाषण में प्रो. पाटील ने कहा कि भाषा का विश्वविद्यालय होने के नाते हमें अपनी भाषा को मजबूत बनाना होगा। कार्यालयीन कार्य में मसौदा, पत्र, टिप्पणी आदि सहज और सरलता से लिखने के लिए हमें इससे संबंधित नियम और कानूनों को पढ़ना चाहिए। नई प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए अपनी भाषा और कार्यपद्धति को अधिक गति देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक कार्य में गतिशिलता देने हेतु इस प्रकार की कार्यशालाएं निरंतर आयोजित की जाएगी।
वित्ताधिकारी पी. सरदार सिंह ने कहा कि कर्मियों को प्रेरणा देने और काम के प्रति उनका उत्साह बना रहे इसके लिए उन्हें समय समय पर पदोन्नत किया जाना चाहिए। कर्मियों को कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के माध्यम से आयोजित प्रशिक्षण के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि उनके कार्य में अधिक निखार आ सके। परीक्षा नियंत्रक क़ादर नवाज़ ख़ान ने कहा कि कर्मियों को फाइल के प्रति सम्यक दृष्टि रखनी चाहिए। फाइल को प्रस्तुत करते समय संबंधित नियमों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के सह-संयोजक हिंदी अधिकारी राजेश कुमार यादव ने किया। अनुवादक आरती गुडधे ने आभार माना। इस अवसर पर अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित थे।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कुलगीत से किया गया तथा समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया। पांच दिवसीय विभिन्न सत्रों में राजभाषा विभाग के पूर्व उपनिदेशक अजय मलिक, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के सहायक निदेशक डॉ. मुनीन्द्र मिश्र, भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक राजभाषा राहुल खटे, राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान, दोना पौला, गोवा के राजभाषा उपनिदेशक डॉ. राकेश शर्मा और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खडगपुर के वरिष्ठ हिंदी अधिकारी डॉ. राजीव कुमार रावत ने कर्मचारियों को कार्यालयीन कामकाज से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन करेंगे।