Monday , September 16 2024

IIT KANPUR : अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव बना यूपी का पहला “सैनिटरी पैड-मुक्त गांव”

मेरठ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर द्वारा इनक्यूबेट किए गए स्टार्ट-अप माइल्डकेयर्स ने मेरठ के अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव गांव में अपने उत्पाद गाइनोकप मासिक धर्म कप वितरित करके एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस पहल ने गांव की महिलाओं को मासिक धर्म कप (Menstrual cups) का उपयोग करने में सफलतापूर्वक मदद की। जिससे उत्तर प्रदेश के पहले “सैनिटरी पैड-मुक्त गांव” के रूप में इसकी आधिकारिक घोषणा का मार्ग प्रशस्त हुआ। 

यह अभूतपूर्व उपलब्धि इस क्षेत्र में बेहतर मासिक धर्म स्वच्छता प्रबंधन, पर्यावरणीय स्थिरता और महिला स्वास्थ्य सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। माइल्डकेयर्स का गाइनोकप डिस्पोजेबल सैनिटरी पैड का एक पुन: प्रयोज्य, लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करता है।

मासिक धर्म कप सैनिटरी पैड की तुलना में कई फायदे प्रदान करते हैं। वे न केवल लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल हैं, बल्कि एक सुरक्षित और अधिक स्वच्छ विकल्प भी प्रदान करते हैं। डिस्पोजेबल पैड पर निर्भरता को कम करके, मासिक धर्म कप संक्रमण के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं और बेहतर मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।

उत्तर प्रदेश ब्लॉक अधिकारियों द्वारा प्रमाणन इस पहल की सफलता को प्रमाणित करता है। इसे अन्य गांवों और क्षेत्रों के लिए अनुकरणीय मॉडल के रूप में स्थापित करता है। अमीनाबाद उर्फ़ बड़ागांव के ग्राम प्रधान ने कार्यक्रम के प्रति अपना उत्साह व्यक्त किया तथा इस परिवर्तन को उत्साहपूर्वक अपनाने के लिए गांव की महिलाओं की सराहना की। उनका मानना है कि यह अन्य समुदायों के लिए अनुसरण करने के लिए एक शक्तिशाली उदाहरण है।

डॉ. निखिल अग्रवाल (सीईओ, एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर) ने माइल्डकेयर्स के सफल प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि, “पुनः प्रयोज्य मासिक धर्म कप का उपयोग करने से अपशिष्ट में कमी आती है, जिससे पर्यावरण पर इसका प्रभाव काफी कम होता है। यह पहल माइल्डकेयर्स जैसे अभिनव स्टार्टअप का समर्थन करके सामाजिक परिवर्तन के लिए आईआईटी कानपुर की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो समुदायों को स्थायी समाधानों के साथ सशक्त बनाती है।”  

रचना व्यास (माइल्डकेयर्स की सह-संस्थापक और स्विच2कप पहल की प्रमुख) ने कहा, “अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव की सफलता व्यापक शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के प्रभाव को दर्शाती है। माइल्डकेयर्स इन सकारात्मक बदलावों को देखकर रोमांचित है और उम्मीद करता है कि इससे अन्य क्षेत्रों को भी स्थायी मासिक धर्म स्वास्थ्य प्रथाओं को अपनाने की प्रेरणा मिलेगी।”

अमीनाबाद उर्फ बड़ागांव में माइल्डकेयर्स की अग्रणी पहल आशा की किरण के रूप में कार्य करेगी, जो एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगी है जहां मासिक धर्म स्वच्छता, पर्यावरण चेतना और महिला स्वास्थ्य एक साथ चलते हैं।