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बच्चे दहशत के साये में पढ़ने को मजबूर, बड़े हादसे के इंतजार में जिम्मेदार

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते बीते 23 अप्रैल को जानकीपुरम विस्तार में 8 वर्षीय मासूम शाहरुख की खुले मेनहोल में गिरकर मौत हो गई थी। इस मामले को स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने जिम्मेदारों को नोटिस भी जारी की थी। वहीं नगर आयुक्त ने भी खुले नालों व मेनहोल को कवर्ड किये जाने के निर्देश दिए थे। बावजूद उसके नगर निगम के जिम्मेदार अफसर नहीं चेत रहे हैं। जिसका नजारा जोन तीन में भारतेंदु हरिश्चंद्र वार्ड के अंतर्गत पल्टन छावनी में भी देखा जा सकता है।

पल्टन छावनी में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय छावनी मड़ियांव के मेन गेट के पास नाले पर रखा पत्थर क्षतिग्रस्त होने से बच्चे कभी भी हादसे का शिकार हो सकते है। बच्चों के मुताबिक कई बार वो गिरते गिरते बचे हैं लेकिन उनमें दहशत बरकरार है। कुछ ऐसा ही हाल प्राथमिक विद्यालय छावनी मड़ियांव के मेन गेट के आसपास का भी है।

खुले नाले में गिरकर हुई थी बुजुर्ग की मौत

बीते 9 फरवरी 2020 को जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते पल्टन छावनी में 73 वर्षीय सेवानिवृत्त शिक्षक सुभाषचंद्र तिवारी की खुले नाले में गिरकर मौत हो गई थी। परिजनों के मुताबिक पल्टन छावनी में प्राथमिक विद्यालय के सामने अस्थाई कूड़ा पड़ावघर के पास आवारा पशुओं से बचने के दौरान वह खुले नाले में मुँह के बल गिर पड़े थे। शरीर में नाले का गंदा पानी भरने से फेफड़े में पहुंच गया, जिससे उनकी धड़कने रुक गई थी।

जानलेवा साबित हो रहे हैं खुले नाले व मेनहोल

ताड़ीखाना रेलवे क्रासिंग से पल्टन छावनी जाने वाले मुख्य मार्ग पर ब्रेड फैक्ट्री के पास कूड़ा निस्तारण के लिए लगा कॉम्पेक्टर कूड़ा पड़ावघर बन चुका है। वहां भीषण गंदगी रहती है और आवारा पशुओं का जमावड़ा भी लगा रहता है। जिसके चलते लोगों का निकलना दूभर हो गया हैं। खुले नाले, गंदगी व आवारा पशुओं के आतंक से बचने के दौरान आये दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे है। वहीं मुख्य मार्ग पर नाले का अधिकांश हिस्सा खुला होने से आये दिन हादसे हो रहे है। ऐसा नहीं है कि जिम्मेदारों को इसकी जानकारी नहीं है। बावजूद उसके बरती जा रही लापरवाही से साफ जाहिर है कि जिम्मेदारों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।