PNB : 130वें स्थापना दिवस पर की डिजिटल पेशकश और सीएसआर पहल की शुरूआत

मनाया बैंकिंग उत्कृष्टता के 130 साल पूरे होने का उत्सव

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पंजाब नैशनल बैंक ने 130वें स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी इतिहास पुस्तिका का विमोचन, नए डिजिटल उत्पाद की पेशकश और नए सीएसआर कार्यो की शुरूआत कीं। इन सभी का उद्देश्य बैंक की समृद्ध विरासत का सम्मान करना, ग्राहक अनुभव को बढ़ाना और पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक सशक्तिकरण में योगदान देना है। 

पीएनबी के कॉर्पोरेट कार्यालय में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि डीएफएस सचिव डॉ. विवेक जोशी, डीएफएस के संयुक्त सचिव समीर शुक्ला, डीएफएस के संयुक्त सचिव पंकज शर्मा, पीएनबी के निदेशक मंडल, पीएनबी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष केजी अनंतकृष्णन, पीएनबी के एमडी और सीईओ अतुल कुमार गोयल, पीएनबी के कार्यपालक निदेशकगण कल्याण कुमार, बिनोद कुमार, एम. परमशिवम और विभू प्रसाद महापात्र, पीएनबी के सीवीओ राघवेंद्र कुमार और पीएनबी के स्टाफ सदस्य सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 

मुख्य अतिथि डीएफएस सचिव डॉ. विवेक जोशी ने पीएनबी की उत्कृष्टता और बैंकिंग क्षेत्र को सफलता और उत्कृष्टता की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने की क्षमता पर भरोसा जताया। उन्होंने दर्शकों को वित्तीय समावेशन पर ध्यान केंद्रित करने, जोखिमों को कम करने के लिए उपयुक्त उपायों का चयन करने, साइबर सुरक्षा, निवारक सतर्कता, हरित वित्त और जलवायु वित्त के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने दर्शकों से अपने-स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का भी आग्रह किया। बैंकिंग के इन बहुमुखी पहलुओं को संबोधित करते हुए, उन्होंने वित्तीय क्षेत्र में सतत विकास और लचीलापन लाने के लिए आवश्यक समग्र दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।

बैंक के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विचार करते हुए, पीएनबी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष केजी अनंतकृष्णन ने पहले स्वदेशी बैंक के रूप में इसकी छोटी सी शुरुआत से लेकर अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में इसकी वर्तमान स्थिति तक बैंक के विकास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा हमारी कहानी व्यावसायिक स्थिरता, विवेकपूर्ण वित्तीय स्थिति, कॉर्पोरेट प्रशासन, लचीलापन, नवाचार, समुदाय को सशक्त बनाने और भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता में से एक है। रास्ते में कई बाधाओं का सामना करने के बावजूद, पीएनबी नवाचार, अखंडता और ग्राहक-केंद्रितता के अपने बुनियादी सिद्धांतों को संरक्षित करने में कभी पीछे नहीं हटा है। 

अपने बैंक के इतिहास की समृद्ध विरासत पर नजर डालते हुए अपने शेयरधारकों को उनके निरंतर समर्थन के लिए, अपने ग्राहकों को उनके भरोसे और वफादारी के लिए, और अपने कर्मचारियों को उनके समर्पण और कड़ी मेहनत के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

पीएनबी के एमडी और सीईओ अतुल कुमार गोयल ने नई पहलों का परिचय देते हुए कहा कि “हमारे 130वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर हमें परिवर्तनकारी पहल शुरू करते हुए खुशी हो रही है, जो बैंकिंग क्षेत्र में पीएनबी के नेतृत्व को और मजबूत करेगी। डिजिटल पेशकश, इतिहास पुस्तिका और सीएसआर पहल ग्राहक सुविधा के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने, हमारी विरासत को संरक्षित करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। पीएनबी में, हमारी विरासत उन जिंदगियों के बारे में है जिन्हें हम संवारते हैं, जिन समुदायों को हम सशक्त बनाते हैं, और जिस भरोसे को हम कायम रखते हैं।” उन्होंने पिछले तीन वर्षों में बैंक के प्रदर्शन पर भी प्रकाश डाला, जिससे बैंक को शीर्ष 50 कंपनियों में पहचान मिली और उसकी बाजार छवि में सुधार हुआ।

पीएनबी के 130वीं स्थापना दिवस समारोह का केंद्र बिंदु “अनारकली बाजार, लाहौर से द्वारका, दिल्ली तक – 130 वर्ष की उत्कृष्टता की गाथा” शीर्षक से खूबसूरती से लिखी गई इतिहास की पुस्तक थी। जो 1894 से आज तक बैंक के विकास की एक मनोरम गाथा पेश करती है। सावधानीपूर्वक गढ़ी गई यह पुस्तक उत्कृष्टता, लचीलेपन और नवाचार के प्रति बैंक की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह पुस्तक अपने हितधारकों के प्रति बैंक की अटूट प्रतिबद्धता और भारत की आर्थिक वृद्धि में इसकी अभिन्न भूमिका को भी दर्शाती है। इस अवसर पर बैंक की गृह पत्रिका पीएनबी प्रतिभा के जनवरी-मार्च 2024 अंक का भी विमोचन किया गया।

बैंक ने डिजी एजुकेशन लोन, डिजी कार लोन, यूपीआई के माध्यम से इंटरऑपरेबल कार्डलेस कैश विड्रॉल (आईसीसीडब्ल्यू), किसान क्रेडिट कार्ड डिजिटल रिव्यू और डीपी (ड्राइंग पावर) एन्हांसमेंट, यूपीआई 123 पे के साथ भीम क्यूआर साउंडबॉक्स, पीएनबी पे वियरेबल डेबिट कार्ड, और वित्तीय आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (एफएससीएम) आईसीएमएस जैसी नई डिजिटल पेशकशें भी पेश कीं। 

पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति अपनी सतत प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में, पीएनबी ने पलाश 2.0 का भी शुभारंभ  किया, जो पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कदम पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद उठाया गया था, जिसमें पलाश अभियान के तहत वृक्षारोपण अभियान, डिजिटल लाइब्रेरी, कार्बन फूटप्रिंट में कमी, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सफल पहल देखी गई थी।

समारोह का समापन हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायिका डॉ. सुभद्रा देसाई के शास्त्रीय गायन से हुआ। जिन्होंने अपनी मधुर आवाज में दी गई मनमोहक प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।