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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस भी जरूरी : प्रो. जेपी पांडेय

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आने वाला समय पूरी तरह से नई तकनीकी का है। इसमे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे महत्वपूर्ण होगा। यह तकनीकी हर क्षेत्र को प्रभावित करेगी। इससे शिक्षा भी अछूती नहीं रहेगी। शिक्षकों को तेजी से नई तकनीकी को अपनाने की जरूरत है। आज के दौर में छात्र तकनीकी के मामले में काफी अपडेट रहता है। ऐसे में शिक्षकों को आर्टिशियल इंटेलिजेंस को समझने के साथ ही इसके प्रयोग को प्राथमिकता देनी होगी। उक्त बातें डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने बुधवार को फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज की ओर से आयाजित दो दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम रोल एंड इंपॉर्टेेंस ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन मॉडर्न डे टीचिंग विषय के उद्घाटन में कही। उन्होंने कहाकि शिक्षकों को एआई को टूल्स के रूप में अपनाना होगा। इस तकनीकी के जरिये शिक्षक अपनी प्रतिभा को और भी अच्छे ढंग से निखार सकता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में क्लासरूम कॉन्सेप्ट की जगह एआई के रूप में शिक्षण कार्य होने की संभावना है। ऐसे में आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस के साथ इमोशनल इंटेलिजेंस जरूरी है। बिना भावना के भाव की सही अभिव्यक्ति नहीं हो सकती।

मुख्य अतिथि वीबीएस पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स के हेड प्रो. मानस पांडेय ने कहा कि हमारी परंपरा में शिक्षा बहुआयामी रही है। शिक्षक अपने ज्ञान को विभिन्न माध्यमों से छात्रों तक पहुंचाते रहे हैं। लेकिन अब दौर तेजी से बदलती नई तकनीकी का है। तकनीक हमें कई तरह की समस्याओं का समाधान देती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने वाले सालों में सबसे तेजी से प्रभावित करने वाली तकनीकी होगी। ऐसे में शिक्षकों को इस तकनीकी से खुद को जोड़ना होगा। अपने पठन-पाठन में इसके प्रयोग को अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में एआई बहुत योगदान देगा। हालांकि उन्होंने कहा कि क्लासरूप शिक्षण प्रणाली का विकल्प कोई तकनीकी नहीं हो सकती। शिक्षकों का अपने छात्रों से आई कॉन्टैक्ट हमेशा बना रहेगा।

बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद बीबीएयू के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस इकोनॉमिक्स के डीन प्रो. कौशेंद्र मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षण कार्य में नई तकनीकी को अपनाना ही होगा। शिक्षण और एआई को इंटीग्रेटेड रूप में शिक्षकों को देखना पड़ेगा। तकनीकी सत्र में आईआईएम लखनऊ के पूर्व प्रोफेसर प्रो. बीके मोहंती और प्रो. अमित कुमार सिंह ने एआई और नई शिक्षण पद्धति पर अपने विचार व्यक्त किये।

कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत डॉ. अनुज कुमार शर्मा ने किया। संचालन कार्यक्रम सह संयोजक डॉ. वर्षा शुक्ला और धन्यवाद कार्यक्रम संयोजक डॉ. रवि शर्मा ने किया। इस मौके पर डॉ. आकाश वेद, डॉ. विनय चतुर्वेदी, डॉ. गजेंद्र गुप्ता, डॉ. सौरभ मिश्रा, शेफाली सिंह, नीलकंठ मणि पुजारी, विकास चौधरी, अंजलि सिंह, आरजू गुप्ता, जयवीर सिंह, अनुपम मिश्रा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।