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स्वदेशी वह तरीका है जिससे राष्ट्र आगे बढ़ता है

महर्षि अरबिंद के विचारों के प्रचार हेतु एयरोविल फाउंडेशन के सदस्‍यों का हिंदी विवि में हुआ आगमन

कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया ने किया स्‍वागत

वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में 8 फरवरी को महर्षि अरबिंद की 150 वीं जयंती पर उनके विचार युवाओं में प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्‍य से संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से एयरोविल फाउंडेशन के इगर टु फोर्ज के सदस्‍यों के आगमन पर कुलसचिव डॉ. धरवेश कठेरिया ने उनका विश्‍वविद्यालय का प्रतीक चिन्‍ह एवं अंगवस्‍त्र प्रदान कर स्‍वागत किया। इस अवसर पर एयरोविल फाउंडेशन के संजय सामंतराय, श्‍वेतापद्मा पाति, जगदीश पाणिग्रही, असोमबिता पोद्दार एवं देवव्रत, मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. फरहद मलिक, जनसंचार विभाग के एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश लेहकपुरे, सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप कुमार वर्मा, डॉ. रणंजय कुमार सिंह उपस्थित रहे।

इस दौरान माधवराव सप्रे सभागार में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. भदंत आनंद कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्र के प्रभारी डॉ. केसी पाण्‍डेय ने खुद के महर्षि अरबिंद से मुलाकात के बारे में बताते हुए कहा कि रामकृष्ण परमहंस की वजह से उन्हें श्री अरबिंदो तक पहुंचने का मौका मिला। युवाओं को महर्षि अरबिंदो के बारे में पढ़ना चाहिए जिससे उन्हें जीवन को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलेगी।

दर्शन एवं संस्‍कृति विभाग के अध्‍यक्ष डॉ. विपीन कुमार पाण्‍डेय ने कहा कि श्री अरबिंद का जीवन एक दार्शनिक की हैसियत से असाधारण है। एरोविल फाऊंडेशन की डॉ. श्‍वेतापद्मा ने श्री अरबिंद की जीवन यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया और उनके जीवन-दर्शन को लेकर विचार व्‍यक्‍त किये। इस लघुफिल्म में श्री अरबिंद कहते हैं कि स्वदेशी वह तरीका है जिससे राष्ट्र आगे बढ़ता है। भारत का उद्देश्य पूरे विश्व को प्रकाश दिखाना है। संजय सामंतराय ने कहा कि श्री अरबिंद मानते थे कि मृत्यु धरती से पलायन का एक रास्ता है। उन्‍होंने चालीस वर्ष तक एक कमरे में रहकर तपस्या की।

समापन वक्‍तव्‍य में वर्धा समाज कार्य संस्‍थान के निदेशक डॉ. बंशीधर पाण्‍डेय ने अरबिंद के जीवन के विभिन्‍न पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उपस्थि‍तों का आभार माना। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रणंजय कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम का प्रारंभ श्री अरबिंद की तस्वीर के सामने प्रार्थना से किया गया। इस अवसर पर जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप कुमार वर्मा, दर्शन एवं संस्‍कृति विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. सूर्यप्रकाश पाण्‍डेय, आनंद भारती सहित बड़ी संख्‍या में शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।