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यूपी महोत्सव : संस्कार गीतों संग राममय हुआ सांस्कृतिक पंडाल, उमड़ी भीड़

लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा / टेलीस्कोप टुडे)। मौसम में एकाएक आए बदलाव से बढ़ी सर्दी के बावजूद पोस्टल ग्राउंड अलीगंज में चल रहे यूपी महोत्सव में गुरुवार को भीड़ उमड़ी और लोगों ने खरीदारी भी की। महोत्सव की पांचवीं सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहाकि उत्तर प्रदेश में ओपीओडी के तहत हर छोटे से छोटे कामगार को रोजगार मिल रहा है और उसकी आमदनी में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश सरकार की विश्वकर्मा योजना के सफल कार्यक्रमों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्वकर्मा योजना को पूरे देश में लागू किया है। कैबिनेट मंत्री ने कहाकि वह महोत्सव के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एनबी सिंह को हृदय से साधुवाद देते हैं कि वह अपने इस महोत्सव के द्वारा सरकार के कार्यक्रम को गति प्रदान कर रहे हैं।

प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि को प्रतीकात्मक राम मंदिर का मॉडल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। वहीं बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद पूर्व महापौर संयुक्ता भाटिया का स्वागत प्रिया पाल ने पुष्पगुच्छ एवम स्मृति चिन्ह दे कर किया। पूर्व मेयर ने कहाकि यूपी महोत्सव उन्हें हमेशा घर जैसा लगता है और वह यहां आकर अपने को बहुत गौरवान्वित महसूस करती हैं।

संस्कार गीतों में राम पर विमर्श संग 11 विभूतियां सम्मानित

अन्योन्याश्रित हैं लोक और राम : डा. विद्याविन्दु सिंह

वहीं सांस्कृतिक पण्डाल में आयोजित मर्यादा पुरुषोत्तम राम पर केन्द्रित दो दिवसीय लोक विमर्श का पहला दिन संस्कार गीतों के नाम रहा। लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ संगीत विदुषी प्रो. कमला श्रीवास्तव ने गणेश आवाह्न से किया। लोकविद् पद्मश्री डॉ. विद्या विन्दु सिंह ने संस्थान द्वारा घोषित वर्ष 2023 के सम्मान वितरित किए। संस्कार गीतों में भगवान राम की उपस्थिति का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहाकि लोक और राम के सम्बन्ध अन्योन्याश्रित हैं।

आयोजन का शुभारंभ वरिष्ठ लोक गायिका नीरा मिश्रा के निर्देशन में कलाकारों द्वारा मीराबाई के प्रसिद्ध भजन राम नाम रस पीजै रे मनुवा से हुआ। इसके बाद राम से जुड़े कई संस्कारों के गीतों की सामूहिक प्रस्तुतियां हुईं। पारम्परिक श्रीराम जन्म सोहर चैतहि के तिथि नौमी, पारम्परिक राम जन्म बधाई बधइया बाजै आंगने मां, छठी गीत राम जनम के छठवा दिन, बरही गीत राम लला केरि बरही मनावैं, अन्नप्राशन संस्कार का गीत सोने के कटोरा मा खीर लै आई, कर्णछेदन गीत राम जी का आजु कन्छेदन, मुण्डन गीत सोने के छुरवा गढावैं राजा दसरथ, भगवान राम के बाल रुप की चैती ठुमुकि चलत रघुरैया हो रामा के साथ ही श्रीराम भजन एहो रघुरैय्या जतनिया बताई देहो तथा राम नाम तू बोल रे मनुवा आदि गीतों से श्रोता मंत्रमुग्ध हुए।

कलाकारों में आभा शुक्ला, आभा मिश्रा, अर्चना गुप्ता, अपर्णा सिंह, अंजलि सिंह, अलका चतुर्वेदी, अर्चना श्रीवास्तव, अल्पना श्रीवास्तव, अनुज श्रीवास्तव, अवनीश शुक्ला, भारती श्रीवास्तव, दिव्यांशी मिश्रा, दीपांजलि त्रिपाठी, देवेश्वरी पंवार, गौरव गुप्ता, ज्योति किरन रतन, ज्योति श्रीवास्तव, कुमकुम मिश्रा, कल्पना सक्सेना, कुसुम वर्मा, कविता सिंह, मधु माथुर, मीतू मिश्रा, मीना मिश्रा, मीरा कंथवाल, निधि निगम, निर्मला यादव, प्रीति श्रीवास्तव, प्रतिमा श्रीवास्तव, रश्मि उपाध्याय, रेखा मिश्रा, रागिनी अग्रवाल, रीता पाण्डेय, रत्ना शुक्ला, रंजना शंकर, रचना गुप्ता, रेनू दुबे, रजनी मिश्रा, शिखा श्रीवास्तव, शकुन्तला श्रीवास्तव, सुषमा प्रकाश, सरिता अग्रवाल, सुधा द्विवेदी, सौरभ कमल, शैलजा श्रीवास्तव, शिखा राज, संगीता श्रीवास्तव, श्यामा गुप्ता, साधना पाण्डेय, सीमा अग्रवाल, सुनीता श्रीवास्तव, शशि सिंह, डॉ. शशिबाला मिश्रा, उषा पाण्डिया, वन्दना शुक्ला सम्मिलित रहे।

इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाली 11 विभूतियों को सम्मानित भी किया गया। लोक गायिका मंजू चक्रवर्ती को आरती पांडेय स्मृति सम्मान, रंजना शंकर को पद्मश्री डा.योगेश प्रवीन स्मृति लोक संस्कृति सम्मान, आगरा की प्रो. शेफाली चतुर्वेदी को प्रभा श्रीवास्तव स्मृति लोक कथा सम्मान, बुंदेलखंड की श्रीमती अर्चना गुप्ता को शोभा देवी स्मृति सम्मान, कानपुर की कल्पना सक्सेना को रमावती देवी स्मृति सम्मान, केजीएमयू के नेत्र रोग विभाग की पूर्व अध्यक्ष और गायिका प्रो. विनीता सिंह को सावित्री देवी स्मृति सम्मान, डा. अनिल गुप्ता को जेपी लम्बोदर स्मृति समाज सेवा सम्मान, राजनारायन वर्मा को सीताराम तिवारी स्मृति लोक संस्कृति अनुरागी सम्मान, किशन लाल शाह को श्रीकिशन गुप्ता स्मृति संगीत सेवा सम्मान, मीतू मिश्रा को प्रो. कमला श्रीवास्तव लोक संगीत ध्वजवाहक सम्मान तथा जीतेश श्रीवास्तव को पद्मश्री डॉ. विद्याविन्दु सिंह लोक संस्कृति ध्वजवाहक सम्मान प्रदान किया गया।

कार्यक्रम में कुमायूं कोकिला विमल पन्त, डा. करुणा पाण्डे, सुशील सीतापुरी, मुनालश्री विक्रम बिष्ट, पार्षद राघव राम तिवारी, एडवोकेट सतीश वर्मा, युवा समाजसेवी आशीष कुमार गुप्त, विनय गुप्ता, जादूगर सुरेश कुमार, नीलम वर्मा, एडवोकेट अजय कुमार, नैमिष सोनी, कवि कृष्णा सिंह, कौस्तुभ द्विवेदी, अरविन्द सक्सेना, एसके गोपाल सहित अन्य मौजूद रहे।

सांस्कृतिक संध्या में हनु जी ट्रस्ट की अध्यक्ष रागिनी पूजा जैसवाल के नेतृत्व में तनिष्का आर्य का डफली वाले जीत पर शानदार डांस, आई गिरी नंदिनी पर अनिका गुप्ता, मिष्टी सिंह का पंजाबी गीत, इतनी सी हंसी पर मनु श्री, राधा कैसे न जाने वंशिका गुप्ता, निबोड़ा निबोड़ा तनिष्क के शानदार परफॉर्मेंस ने महोत्सव में अद्भुत रंग बिखेर दिया। शिव संस्कृत डांस एकेडमी की ओर से सिद्धि सिंह, भावना सिंह ने शिव तांडव, दीक्षा वर्मा ने हरी स्तोत्रम, सुनीता शर्मा ने घर मोरे परदेसिया, सिद्धि सिंह ने बॉलीवुड गीत, सिद्धि सिंह, भाव त्रिपाठी, आस्था शर्मा, अनुष्का सिंह ने गरबा डांस, सिद्धि सिंह, भाव सिंह ने दुर्गा स्तुति, दीक्षा वर्मा, सिद्धि सिंह ने कान्हा माने ना एवम सिद्धि सिंह, आस्था शर्मा ने कृष्ण लीला पर प्रस्तुति से अद्भुत कला का जादू बिखेरा।