लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। साहित्य, संगीत और कला के साथ ग्लैमर की सुखद अनुभूति, यह सब कुछ प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट और प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वावधान में अवध शिल्प ग्राम में चल रहे लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में आज कलसुधी श्रोता-दर्शकों को देखने-सुनने को मिला। एक ओर साहित्य पर विचार-विमर्श, दूसरी ओर प्रदर्शन कला के साथ मंच पर रूपसियों का जलवा।
लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव की चौथे दिन शनिवार को अपराह्न साहित्य की महफिल जमी। सीमा गुप्ता के संयोजन में शक्ति स्वरूपा फाउंडेशन ने साहित्य-संस्कृति महाकुंभ का आयोजन किया। जिसमे स्वच्छता जनजागरूकता विषय पर शिक्षा त्रिपाठी, गीतिका चतुर्वेदी, सीमा गुप्ता, पर्यावरण जागरूकता विषय पर जयेन्द्र नाथ चतुर्वेदी, गीतिका चतुर्वेदी, तृप्ति चतुर्वेदी, रामकथा विषय पर नंद किशोर वर्मा, प्रज्ञा चतुर्वेदी, कविता पर लोकेश त्रिपाठी, अमरेन्द्र द्विवेदी, श्रवण सेठ, सुधा मिश्रा, करो योग रहो निरोग विषय पर मुकेश सिंह “योगा भैया’, केबी सिंह, प्लास्टिक हटाओ देश बचाओ विषय पर कृष्णानंद राय, डॉ. सुधा मिश्रा, महिला सशक्तिकरण विषय पर नेहा नीरज खरे, साहित्य धरोहर विषय पर डॉ. शोभा दीक्षित भावना, लोकगीत पर गीतिका चतुर्वेदी, सीमा गुप्ता और सुशासन- गुडगर्वेनेस विषय पर चन्द्र देव दीक्षित ने अपने विचार व्यक्त किये।

अगले सोपानों में शालिनी श्रीवास्तव के संयोजन में मिस अवध कार्यक्रम हुआ। जिसमें नेहा यादव, प्रिया सिंह, अम्बिका पांडे, निष्ठा सिंह, आशी सिंह, प्रगति सक्सेना, उपन्या, तान्या, अदिती राणा, सृष्टि, देवांगी, वैष्णवी ने साड़ी-लहंगे को धारण कर रैम्प पर कैटवाक कर अवधी कला संस्कृति की मोहक छटा बिखेरी। प्रख्याती श्रीवास्तव और विवेक श्रीवास्तव ने इस कार्यक्रम में निर्णायक की भूमिका अदा की।
संगीत से सजे इस कार्यक्रम के उपरान्त सुप्रिया पान्डेय ने कथक के पारम्परिक स्वरूपों यथा उपज, थाट, आमद, परन, तोड़े, टुकड़े, तिहाई, गत निकास इत्यादि को प्रस्तुत कर कलाप्रेमी दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इसी क्रम में आन्या मडार ने दक्षिण भारत के शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम की मनमोहक छटा बिखेरी।
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