लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। एसआर विश्वविद्यालय की स्थापना व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण की वर्तमान समय की आवश्यकता के अनुरूप परंपरागत पाठ्यक्रमों के संचालन के साथ-साथ वर्तमान ट्रेड के अनुसार शिक्षण प्रशिक्षण एवं रोजगान्मुखी पाठ्यक्रम एवं सम्यक विकास की पूर्ति के लिए किया गया है। अब इस निजी विश्वविद्यालय को स्थापित करने के लिए प्रायोजक निजी संस्थान मानक के अनुसार इनका निर्माण कार्य शुरू करेगी। एसआर विश्वविद्यालय आने वाले समय में सीतापुर, शाहजहांपुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा एवं रोजगार पर शिक्षा का सीधा लाभ विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित शैक्षिक एवं शोध कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि विभाग, शिक्षा संकाय, फार्मेसी, चिकित्सा विज्ञान, साइंस ट्रेडिशनल स्कीम, आईटी स्कीम, मैनेजमेंट ,इंजीनियरिंग, जर्नलिज्म, विधि, पैरामेडिकल, होटल मैनेजमेंट आदि शाखाओं में विभिन्न पाठ्यक्रम का अध्ययन अध्यापन शिक्षण प्रशिक्षण एवं शोध आदि कार्यक्रम संचालित करेगी। जिन बिंदुओं को लेकर विश्वविद्यालय का गठन किया गया है, उसमें अनुसंधान शोध एवं विकास कार्य, ज्यादा से ज्यादा उत्पादों को पेटेंट का, कार्य भारतीय समाज की प्रतिभा पलायन को रोकना, समाज में भारतीय संस्कृति को पुनः स्थापित करने, नवीन शोध एवं स्टार्टअप पर जोर, नवीन विधाओं एवं शोध एवं अनुसंधान पर जोर देना, समाज के आर्थिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़े मेधावी छात्र-छात्राओं को व्यवसायिक एवं रोजगार उन्मुख शिक्षा प्रदान करना तथा स्वावलंबी बनकर भारत के विकास में योगदान देना रहा है। विश्वविद्यालय के संस्थापक पवन सिंह चौहान एवं वाइस चेयरमैन पीयूष सिंह चौहान का संस्था व विश्वविद्यालय के गठन में अतुलनीय योगदान रहा। आने वाले समय में विश्व की सर्वोत्तम संस्थान होगा। ऐसा संस्थान के सभी कर्मचारियों में आत्मविश्वास दिखता है की अवश्यंभावी होगा। संस्थान के चेयरमैन व भाजपा एमएलसी पवन सिंह चौहान ने कहा “कलयुग संघे शक्ति” सभी सामाजिक वर्गो को जोड़ कर ही किया जा सकता हैं।