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दीपावली और छठ पर यात्रियों को घर पहुंचाने वाले ड्राइवर-कंडक्टर होंगे पुरस्कृत

योगी सरकार ने त्योहारों पर यात्री लोड को देखते हुए की प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की घोषणा 

10 से 20 नवंबर के बीच कुल 11 दिनों तक लागू रहेगी प्रोत्साहन योजना 

10 दिनों तक निर्धारित औसत किलोमीटर का संचालन करने पर किया जाएगा एकमुश्त 3500 रुपए का भुगतान

11 दिन की प्रोत्साहन अवधि तक हर रोज ड्यूटी और किलोमीटर के मानक पूरे करने वालों को मिलेंगे 4400 रुपए

दीपावली, भैया दूज और छठ पर परिवहन निगम ने सभी चालक, परिचालकों के साथ ही अधिकारियों की छुट्टी रद

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दीपावली और छठ के पर्व को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश में 10 नवंबर से 20 नवंबर के बीच अतिरिक्त बसें चलाने का निर्णय लिया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के जो कर्मी (बस चालक और परिचालक) लगातार सेवाएं देंगे, सरकार ने उनके लिए प्रोत्साहन राशि की घोषणा की है। यह प्रोत्साहन योजना 10 से 20 नवंबर के बीच यानी कुल 11 दिनों तक लागू रहेगी। वहीं, दीपावली, भैया दूज और छठ जैसे त्योहारों के दौरान परिवहन निगम ने सभी चालक, परिचालकों के साथ ही अधिकारियों और उपाधिकारियों की छुट्टी भी रद कर दी है। उल्लेखनीय है कि दीपावली, भैया दूज और छठ के अवसर पर गाजियाबाद, दिल्ली एवं पश्चिमी क्षेत्रों से 60 प्रतिशत से अधिक यात्री लोड मिलता है। इसके अलावा अन्य राज्यों व शहरों से लोग अपने घरों के लिए और त्योहार के बाद घरों से वापस अपने कार्यस्थल के लिए प्रस्थान करते हैं। उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए चालक और परिचालकों को प्रोत्साहित करने के लिए यूपीएसआरटीसी की ओर से इसकी शुरुआत की गई है। 

10 दिनों तक बस संचालित करने वालों को मिलेगा इनाम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बताया कि संविदा और आउटसोर्सिंग के चालक और परिचालक कम से कम 10 दिनों तक निर्धारित औसत किलोमीटर का संचालन करते हैं तो उन्हें 350 प्रतिदिन की दर से एक साथ 3500 विशेष प्रोत्साहन का भुगतान किया जाएगा। प्रोत्साहन अवधि में औसतन 300 किलोमीटर बस संचालन करना होगा। यदि कर्मचारी 11 दिन की प्रोत्साहन अवधि तक हर रोज ड्यूटी करते हैं और किलोमीटर के मानक पूरे करते हैं तो उन्हें 400 प्रतिदिन के हिसाब से 4400 रुपए देय होंगे। 

55 पैसे प्रति किमी की दर से मानदेय

संविदा और आउटसोर्सिंग चालक परिचालकों को प्रोत्साहन अवधि में निर्धारित मानक से अधिक किलोमीटर अर्जित करने पर अतिरिक्त किलोमीटर पर 55 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से अतिरिक्त मानदेय दिया जाएगा। 11 दिन लगातार ड्यूटी करने वाले डिपो कार्यशाला और क्षेत्रीय कार्यशाला में कार्यरत कर्मचारी और निगम से जुड़े आउटसोर्स कर्मचारी भी शामिल होंगे। इन्हें एकमुश्त 1800 रुपए और इस अवधि में 10 दिन ड्यूटी करने वाले कार्यशाला कर्मचारियों को एक मुश्त 1500 रुपए प्रोत्साहन मिलेगा। रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक को 10000 और सेवा प्रबंधक को 5000 की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसका वितरण क्षेत्रीय समिति की संस्तुति के अनुसार प्रोत्साहन अवधि में उत्कृष्ट कार्य करने वाले क्षेत्र के कर्मचारियों और उपाधिकारियों में वितरित करेंगे। डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को 50 रुपए प्रति निगम और अनुबंध बस के आधार पर गणना करके धनराशि दी जाएगी, जिसे वह अपने पास नहीं रखेंगे। वह डिपो के उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारी और उपाधिकारियों में वितरित करेंगे प्रोत्साहन अवधि में क्षेत्रीय और डिपो स्तर पर सर्वाधिक आय प्रति वर्ष प्राप्त करने वाले तीन क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधक और सेवा प्रबंधक के साथ 10 डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को निगम प्रबंधन की तरफ से प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। चिन्हित बस स्टेशनों के लिए प्रोत्साहन के मद में तैनात कर्मचारी पर्यवेक्षकों को धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। 5000 रुपए प्रति बस स्टेशन की दर से कुल 100000 रुपए परिवहन निगम ने स्वीकृत किए हैं। 

यात्री लोड के हिसाब से अतिरिक्त कर्मचारियों की लगेगी ड्यूटी 

प्रदेश के जिन बस स्टेशंस में यात्री लोड अधिक है वहां उपलब्धता को देखते हुए बसों के सुव्यवस्थित संचालन के लिए अधिकारियों के अतिरिक्त कर्मचारियों, उपाधिकारियों की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई जाएगी। इन बस स्टेशंस में कौशाम्बी डिपो, आनंद बिहार, सरायं काले खां, व कश्मीरी गेट दिल्ली के अलावा, मुरादाबाद, कटघर, भैसाली, सोहराबगेट, बरेली, सेटेलाइट, कैसरबाग, आलमबाग, चारबाग, अवध (कमता), सहारनपुर, आईएसबीटी आगरा, मसूदाबाद, झकरकटी (कानपुर) और इटावा प्रमुख हैं। दिल्ली में सहारनपुर व आगरा क्षेत्र द्वारा भी बेहतर व्यवस्था के लिए कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। इन बस स्टेशंस को प्रोत्साहन के मद में तैनात कार्मिकों, पर्यवेक्षकों को धनराशि वितरण के उद्देश्य से 5 हजार रुपए प्रति बस स्टेशन की दर से कुल एक लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।