बलरामपुर गार्डन में बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला : पांचवां दिन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पिछले पांच दिनो से बलरामपुर गार्डन अशोक मार्ग में चल रहा बीसवां राष्ट्रीय पुस्तक मेला साहित्य प्रेमियों और पाठकों को आकर्षित करते हुए पूरे उफान पर है। ‘ज्ञान कुंभ’ की थीम पर केटी फाउंडेशन और फोर्स वन बुक्स द्वारा मुफ्त प्रवेश वाला यह पुस्तक मेला दो अक्टूबर तक चलेगा। मेले के साहित्यिक मंच पर आज कथा पाठ, विमोचन और चर्चा के संग ही अंततः सुंदरकाण्ड पाठ में भक्ति और अध्यात्म के रंग भी बिखरे।
मेले में हर किताब पर कम से कम 10 प्रतिशत की छूट मिल रही है। प्रकाशन संस्थान जैसे कुछ स्टालों पर 20 प्रतिशत और कुछ उर्दू स्टालों पर और भी ज्यादा छूट है। मेले में बच्चों की रंगीन किताबें कम से कम 20 रुपये और अंग्रेज़ी किताबें 50 रुपये में उपलब्ध हैं। मेले में उम्रदराज पुस्तक प्रेमी बच्चन, नीरज, भारती, मण्टो, रेणु, टैगोर, बंकिम, शरद, महाश्वेता देवी आदि जैसे साहित्यकारों की किताबों में रुचि दिखा रहे हैं तो 35 वर्ष तक की युवा पीढ़ी की रुचि नये रचनाकारों और नये किस्म के कथात्मक साहित्य में दिखायी दे रही है।
सुभाष बुक के अभिनव बताते हैं कि युवाओं की रुचि मोटिवेशनल और बेस्ट सेलर पुस्तकों में है। बोधरस प्रकाशन के स्टाल में लोकप्रिय साहित्य के जासूसी उपन्यास भी बड़ी तादाद में हैं। राजपाल के स्टाल पर नयी किताबों में इरशाद खान सिकंदर का प्रसिद्ध शायर का लिखा नाटक जान एलिया का जिन के अलावा जैफ्री आर्चर के अंग्रेजी उपन्यास केन एण्ड एबल और प्रॉडिगल डॉटर हिन्दी में उपलब्ध हैं। एंजिल बुक में अंग्रेजी की एक पुस्तक 50 रुपये में और 12 किताबें 500 रुपये में उपलब्ध हैं। पद्म बुक के स्टाल पर कॉफी टेबल बुक दो सौ रुपये में उपलब्ध हैं।
मेला मंच पर आज के कार्यक्रमों की शुरुआत नवसृजन संस्था के कवि सम्मेलन से हुई। दोपहर बाद शारदेय प्रकाशन द्वारा राजवंत राज के काव्य संग्रह चुनिंदा पन्नों से कहो पर कवि नरेश सक्सेना की अध्यक्षता में चर्चा चली। अंजना मिश्र ने औरत शीर्षित कविताओं को नारी मनोदशाओं और अत्यंत संवेदनाओं से परिपूर्ण बताया। इसके साथ ही अलका प्रमोद, अरुण सिंह, निवेदिता श्री ने भी उद्गार व्यक्त किये। कथारंग की ओर से नूतन वशिष्ठ के संयोजन में उनके साथ अमरनाथ, सोम गांगुली और अनामिका ने मण्टो की कहानी सोने की अंगूठी और अलका प्रमोद की कहानियों का श्रवणीय पाठ किया।
वन्यजीवों को खूब अच्छी तरह समझने वाले डा. उत्कर्ष शुक्ला की लोकभारती द्वारा प्रकाशित पुस्तक रहमान खेड़ा का बाघ के लोकार्पण समारोह में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार प्रभातरंजन दीन और लेखक ने अपनी बात रखी। इसी क्रम में रामकठिन सिंह के उपन्यास पकवा इनार के भूत का लोकार्पण मुख्य अतिथि कथाकार शिवमूर्ति ने किया। मुख्य अतिथि के साथ ही मानवीय संवेदनाओं से भरे इस उपन्यास पर समारोह की अध्यक्षता कर रहे शिवमोहन सिंह, देवनाथ द्विवेदी, अरुण सिंह व तरुण निशांत ने विचार व्यक्त किये।
ईश्वरीय स्वप्नाशीष समिति की ओर से सनातन धर्म ध्वजवाहिका स्वप्ना गोयल के संयोजन में महिलाओं का मधुर भक्तिमय सुंदरकाण्ड पाठ हुआ। आयोजन में सनातन धर्म के साथ ही वेद पुराण के महत्व को रेखांकित करते हुए मुख्य रूप से पुनीता भटनागर, रागिनी, ऋतु अग्रवाल, ज्योति किरन व रीता सिन्हा ने सहभागिता की। इस पुस्तक मेले के सहयोगी रेडियो सिटी, विजय स्टूडियो, बुबचिक, ऑरिजिंस, स्टार टेक्नोलॉजीज, रेट्रोबी, ऑप्टिकुंभ, मैगजीन पार्टनर्स सिटी एसेंस और ट्रेड मित्र हैं।
27 सितम्बर के कार्यक्रम
पूर्वाह्न 11.00 बजे सुरभि कल्चरल ग्रुप की ओर से सम्मान समारोह व काव्यपाठ
अपराह्न 1.30 बजे डा.राही मासूम रजा फाउण्डेशन की काव्य गोष्ठी
अपराह्न 2.30 बजे वसुंधरा फाउण्डेशन की ओर से गांधी दर्शन पर गोष्ठी
शाम 4.45 बजे वाणी प्रकाशन की ओर से दयानन्द पाण्डेय की पुस्तक का विमोचन
शाम 5.30 बजे शिवमूर्ति की किताब अगम बहै दरियाव का लोकार्पण व चर्चा
शाम 6.15 बजे राकेश कबीर की किताब केंचुआ महल का लोकार्पण व चर्चा
शाम 7.30 बजे रेवांत की ओर से सम्मान समारोह