लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा बुधवार को घोषित उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा सिविल जज (पीसीएस-जे) परीक्षा-2022 के परिणामों में लखनऊ की बेटियों का भी दबदबा रहा। भारतीय रेलवे के आरडीएसओ चिकित्सालय में सीएमओ डा. कुमार उमेश की बेटी Vipasha Ghangoria ने भी पीसीएस-जे में 200वीं रैंक के साथ सफलता हासिल कर परिवार व राजधानी का मान बढ़ाया है। विपाशा ने पहली बार पीसीएस-जे की परीक्षा दी थी और सफलता हासिल की। उनकी मां Sarita Kshatri केंद्रीय विद्यालय अलीगंज में शिक्षिका है और भाई कुशाग्र कुमार कंप्यूटर इंजीनियर है।
विपाशा ने एलएलएम की उपाधि प्राप्त की है। नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बैंगलोर से बिजनेस लॉ में और डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, लखनऊ से बीएएलएलबी (एच) की उपाधि प्राप्त किया है। उन्हें यूजीसी से कानून में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) से सम्मानित किया गया। वह वर्तमान में डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ से अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक मध्यस्थता में डॉक्टरेट की पढ़ाई कर रही हैं।
विपाशा घनगोरिया को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, पैलैस डेस नेशंस, जिनेवा में वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ यूनाइटेड नेशंस एसोसिएशन द्वारा मानवाधिकार में पेशेवर रूप से प्रशिक्षित किया गया है। वह प्रोजेक्ट साइकिल मैनेजमेंट में एनजीओ मैनेजमेंट स्कूल स्विट्जरलैंड द्वारा प्रमाणित है। उन्हें यूथ आइकन अवार्ड्स के लिए कई नामांकन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने पूरे भारत में कई मॉडल संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों की अध्यक्षता, निर्णय और मेजबानी की है।
विपाशा हैदराबाद में महिंद्रा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ लॉ की एक प्रतिष्ठित एसोसिएट और संस्थापक फैकल्टी थीं, जहां उन्होंने मध्यस्थता केंद्र और कानूनी सहायता केंद्र की अध्यक्षता की थी। विपाशा नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी जैसे कई संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी भी रही हैं। उन्होंने नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु में टीचिंग असिस्टेंट के रूप में भी काम किया है।