• मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भारत का ग्रोथ इंजन बन रहा
• प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है
• प्रदेश सरकार उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति को दे रही बढ़ावा
• नवयुवकों को उद्योग लगाने के लिए उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जा रहा
• प्रदेश की कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार होने से बना औद्योगिक माहौल
• उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप नवयुवकों का कौशल विकास किया जा रहा
• अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए हमें अपने पानी और ऊर्जा के स्रोतों को बचाना होगा
लखनऊ। प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करने के लिए प्रदेश को औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश भारत का ग्रोथ इंजन बन रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप की स्थापना की जा रही है। नवयुवकों को उद्योग लगाने के लिए उनकी उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश आज शिक्षा, स्वास्थ्य, इन्फ्रॉस्ट्रक्चर व जीवनस्तर के मामले में तेजी से बदल रहा है। प्रदेश की निवेश नीति उद्योगपतियों और निवेशकों को उद्योग लगाने के लिए सहूलियतें प्रदान कर रही है। प्रदेश में सड़क, रेल, वायुमार्ग कनेक्टिविटी बेहतर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कुछ ही वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश बन जायेगा।
ताज होटल में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2027 तक एक ट्रिलियन डॉलर बनाने के रोडमैप हेतु आयोजित कार्यशाला में उक्त बातें बतौर मुख्य अतिथि मौजूद प्रदेश के नगर विकास व ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहीं। उन्होंने कहा कि भारत में ‘वन नेशन वन टैक्स’ की पहल के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर बल दिया जा रहा है। इससे आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था 10 ट्रिलियन डॉलर भी हो सकती है। इस दौरान उन्होंने उद्योगपतियों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश का बेहतर माहौल है। वर्ष 2017 के बाद से प्रदेश की कानून व्यवस्था में व्यापक सुधार हुआ है, जिससे उद्यमियों में सुरक्षा की भावना आयी है। प्रदेश में सभी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं का बड़ा समूह है। कठिन परिश्रम करने वाले पर्याप्त श्रमिक हैं। उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप नवयुवकों का कौशल विकास किया जा रहा है। एके शर्मा ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के लिए हमें अपने पानी और ऊर्जा के स्रोतों को बचाना होगा। बुन्देलखण्ड और पूर्वांचल क्षेत्र में बेहतर रेडिएशन होने से सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदेश में ग्रीन कॉरिडोर बनाया जा रहा है। एनर्जी स्टोरेज पॉलिसी के तहत बैट्री स्थापना को बढ़ाया जा रहा है। डिफेन्स इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण से आयुध सामग्री और वैमानिकी के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर ही नहीं बनेगा, बल्कि विदेशों में भी इसका निर्यात करेगा। प्रदेश का एक जिला, एक उत्पाद योजना के उत्पाद को विश्व में पहचान मिली है। फिर भी, वैश्विक बाजार में बढ़त बनाने के लिए दक्षता और गुणवत्ता को बढ़ाना होगा। सरकार उद्यमिता और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है।
नगर विकास मंत्री ने कहाकि ग्लोबल इन्वेस्टर समिट-2023 में 33.50 लाख करोड़ रुपये का निवेश विभिन्न क्षेत्रों में आया, इसके लिए 20 हजार से ज्यादा एमओयू साइन किये गये। सर्वाधिक निवेश रिन्युएवल एनर्जी के क्षेत्र में आया। निवेश को धरातल पर उतारने के लिए सतत प्रयास किये जा रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के देश उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर प्रोत्साहित हैं। यहां पर उद्योग लगाने की बहुत सारी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश आबादी की दृष्टि से विश्व के पांचवें बड़े देश के बराबर है। यहां की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था बहुत प्रगाढ़ है। विभिन्न जलवायु और प्राकृतिक संसाधनों वाला प्रदेश है। यहां के निवासी प्रकृति के सानिध्य में रहकर प्राकृतिक संसाधनों से जीविकोपार्जन अर्जित करने का हुनर था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत कुछ ही वर्षों में 05 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला देश बन जायेगा। आजादी के 100 वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र भी बन जायेेगा। हमारा देश कभी सोने की चिड़िया था। ब्रिटिश अर्थशास्त्री आंगस माडिशन के दृष्टिकोण में 05 हजार वर्ष पहले यहां की एक वृहद अर्थव्यवस्था थी। 7वीं शताब्दी से पहले तक यहां की अर्थव्यवस्था विश्व के जीडीपी का एक-चौथाई थी, लेकिन मुगलकाल व ब्रिटिश शासन के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया। विदेशी आक्रांताओं ने भारत के संसाधनों का लूटा और यहां के उद्योगों को नष्ट कर दिया, जिससे वर्ष 1947 में आजादी के समय यहां की अर्थव्यवस्था विश्व की मात्र 04 प्रतिशत रह गई। उन्होंने कहा कि पीएम के नेतृत्व में हम अपने पुराने गौरव की ओर लौट रहे हैं। भारत आज विश्व की पाचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।
विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश होना आवश्यक – दुर्गा शंकर मिश्र
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित उत्तर प्रदेश बनाना बहुत आवश्यक है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचागत विकास बल दिया जा रहा है, जिससे व्यापार करने में आसानी हो। प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए भी कार्य कर रही। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही पशुपालन, मत्स्यपालन, और मुर्गीपालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा। शीघ्र ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था 01 ट्रिलियन डॉलर को पार कर जायेगी।
इस अवसर पर माधव सिंघानिया (डिप्टी चेयरमैन, सीआईआई उत्तरी क्षेत्र और ज्वाइंट मैनेजिंग डायरेक्टर, जेके सीमेंट लिमिटेड) ने कहा कि सक्रिय नीतियों, एक सुविधाजनक कारोबारी माहौल और बुनियादी ढांचे के बल पर उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है। सभी को धन्यवाद देते हुए आकाश गोयनका (चेयरमैन सीआईआई उत्तर प्रदेश तथा डायरेक्टर शुभम गोल्डी मसाले) ने कहाकि सरकार का निवेश के प्रति सकारत्मक भाव उद्यमियों के लिए एक बहुत बड़ा प्रोत्साहन है। कार्यक्रम सीआईआई के प्रशांत एएन के साथ औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।