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जीआईएस-23 के ये तीन दिन यूपी का भाग्य बदलने वाले : गृहमंत्री अमित शाह

यूपी को आगे बढ़ाने का मतलब देश के विकास को गति देना – अमित शाह 

गृहमंत्री ने जीआईएस के दधीचि हॉल में आयोजित सेशन में यूपी की मजबूत कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर की तारीफ की

सीएम योगी बोले, ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनी 

लखनऊ।  जीआईएस-23 का शुक्रवार से शुरू हुआ तीन दिवसीय मेगा इंवेंट यूपी का भाग्य बदलने वाला है और आने वाले तीन साल बहुत शुभ होने वाले हैं। आज यूपी में वे सभी चीजें हैं जो किसी भी राज्य में उद्योगों के विकास के लिए जरूरी होती हैं। अब यूपी की सरकार त्वरित फैसले भी लेती है। नीतियों में कन्फ्यूजन समाप्त हुआ है। कानून व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थिति मजबूत हुई है। यह देश के लिए शुभ संकेत हैं। ये बातेें केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दधीचि हॉल में आयोजित एक सेशन में कहीं। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनकर उभरी है। सेशन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री जितिन प्रसाद, राकेश सचान, दयाशंकर, जेपीएस राठौर आदि मौजूद थे। 

यूपी में विकास की अपार संभावनाएं – अमित शाह

गृहमंत्री ने कहा कि यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। देश को फाइव ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य की अहम भूमिका हो सकती है। यूपी की संभावना को देखते हुए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में निवेश कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार में लखनऊ में निवेशक आने को तैयार नहीं थे, इस वजह से दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट की गई थी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई ही वो बीज है जो भारत की सबसे बड़ी विकास की कारक होती है। आज की एमएसएमई में ही कल की सबसे बड़ी कंपनी इंडस्ट्री छिपी है। यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है। कई सारी नीतियां बजट के अनुसार बनाई गई हैं। यूपी सरकार पर एक भी आरोप नहीं हैं। हर दृष्टि से यूपी का महत्व है। उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आए निवेश से भारत के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां की कानून-व्यवस्था पूरे देश में एक मिसाल की तरह हैं।

ओडीओपी आज आत्मनिर्भर भारत की बनी आधारशिला : सीएम योगी

सीएम योगी ने सेशन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश का सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पूरे देश में सबसे बड़ा आधार रखता है। प्रदेश में लगभग 98 लाख एमएसएमई इकाइयां मौजूद हैं, लेकिन ये सभी यूनिट वर्ष 2017 से पहले उपेक्षित थीं और दम तोड़ रहीं थीं। ऐसे में लोग इसे बंद करके पलायन कर रहे थे। इस पर भारतीय जनता पार्टी ने वर्ष 2016 में इसे दोबारा जीवित करने के लिए उस समय के प्रदेश प्रभारी अमित शाह ने जनता के लिए समर्पित लोक कल्याण संकल्प पत्र में इसे विशेष तरजीह दी। वहीं वर्ष 2017 में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने पर डबल इंजन की सरकार जिस एक योजना को लेकर आई थी वह वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडेक्ट है जो आज आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बनी है। यहीं नहीं ओडीओपी आज प्रदेश की लोकप्रिय योजना बन चुकी है, जिसने प्रदेश के एक्सपोर्ट को लगभग दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना काल खंड में बड़े पैमाने पर प्रदेश में कामगार और श्रमिक आ रहे थे, इसको लेकर प्रदेश का हर व्यक्ति चिंतित था। उस समय प्रदेश में देश के विभिन्न राज्यों से 40 लाख कामगार और श्रमिक प्रदेश में आए। ऐसे में उस स्थितियों में प्रदेश की एमएसएमई यूनिट के संचालकों और कई संस्थाओं ने आगे आ करके सरकार के साथ मिल करके काम शुरू किया, जिसके फलस्वरूप उनकी स्किल्ड मैपिंग कराई गई और किसी न किसी एमएसएमई यूनिट में एक दो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।

एमएसएमई देश को नया आयाम देने में निभा सकती है बड़ी भूमिका

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में अलग-अलग क्षेत्रों में एमएसएमई का जो कल्स्टर है वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजनरी कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक स्तर पर लोगों को निवेश की ओर आकर्षित कर रहा है। प्रदेश की एमएसएमई यूनिट देश को नया आयाम देने के लिए सहकारिता आंदोलन के रूप में प्रभावी भूमिका का निवर्हन कर सकती है। इन्ही मुद्​दों को लेकर चर्चा के लिए हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं। वहीं आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करने के लिए एमएसएमई और सहकारिता महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं, यह तय करने की दृष्टि से यह सेशन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में एक बड़ी भूमिका का निर्वहन कर सकता है।