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मैत्रीपूर्ण क्रिकेट मैच में AKTU ने भाषा विश्वविद्यालय को 19 रनों से हराया

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर रविवार को ए.के.टी.यू. एवं ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के बीच मैत्रीपूर्ण टी-20 क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया। जिसमें ए.के.टी.यू. की टीम ने के.एम.सी. भाषा विश्वविद्यालय की टीम को 19 रनों से पराजित किया।

मैच में के.एम.सी. भाषा विश्वविद्यालय के कप्तान एवं कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का निर्णय लिया। के.एम.सी. टीम ने अनुशासित गेंदबाजी और सशक्त क्षेत्ररक्षण के दम पर ए.के.टी.यू. की टीम को 91 रनों पर ऑल आउट कर दिया।

ए.के.टी.यू. की ओर से सलामी बल्लेबाज एवं कुलपति प्रोफेसर जे.पी. पाण्डेय ने क्लासिकल और विंटेज अंदाज़ में आकर्षक बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया, हालांकि वे दुर्भाग्यवश रन आउट हो गए। इसके बाद नियमित अंतराल पर विकेट गिरते रहे। मध्य ओवरों में डॉ. अनुज कुमार शर्मा एवं डॉ. ताबिश अहमद ने कुछ दर्शनीय शॉट्स खेलकर पारी को संभालने का प्रयास किया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय की टीम की शुरुआत भी उत्साहजनक नहीं रही। सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट हो गए और रन गति भी धीमी बनी रही। यद्यपि मध्य ओवरों में कुछ आकर्षक चौके लगाए गए। लेकिन लगातार विकेट गिरने के कारण टीम लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकी और पूरी टीम 15वें ओवर में 73 रनों पर ऑल आउट हो गई।

ए.के.टी.यू. की ओर से महीप सिंह, अशोक राठौड़ एवं मोहित आनंद ने प्रभावशाली गेंदबाजी करते हुए टीम की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मैच के उपरांत ए.के.टी.यू. के कुलपति प्रोफेसर जे.पी. पाण्डेय ने विजेता टीम को बधाई देते हुए कहा कि खेलों से न केवल आपसी सौहार्द बढ़ता है, बल्कि मानसिक और शारीरिक विकास भी होता है। वहीं, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अजय तनेजा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से आपसी सहयोग, सौहार्द और नई ऊर्जा का संचार होता है।

इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर राजीव कुमार, वित्त अधिकारी केशव सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर ओ.पी. सिंह, सरोज पांडे, सहायक कुलसचिव रंजीत सिंह, डॉ. राकेश पैजवार, शिशिर द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। मैच का आंखों देखा हाल डॉ.भावेश सिंह चौहान ने सुनाया।