लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। अनमैन्ड सिस्टम कंपनियों में से एक IG ड्रोन्स अब IG डिफेंस हो गई है। यह ड्रोन पर फोकस करने वाली ऑर्गनाइज़ेशन से एक फुल स्पेक्ट्रम डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी बन गई, यह बदलाव कंपनी की स्वाभाविक प्रगति को दर्शाती है। इसके अलावा यह बदलाव भारत के भविष्य के लिए संप्रभु, विश्वसनीय और युद्ध के लिए तैयार डिफेंस सिस्टम बनाने के एक सरल लेकिन बड़े मिशन को दिखाता है।
आधुनिक युद्ध का तरीका बहुत तेज़ गति से बदल रहा है। वर्तमान समय के संघर्ष स्वायत्य (ऑटोनॉमी), इंटेलिजेंस, इलेक्ट्रॉनिक प्रभुत्व, साइबर रेज़िलिएंस और हवा, ज़मीन, समुद्र और अंतरिक्ष में बिना किसी रुकावट के कोऑर्डिनेशन से तय होते हैं।
हाल के हाई इंटेंसिटी ऑपरेशन्स जैसे ऑपरेशन सिंदूर में आई जी ड्रोन्स ने अहम भूमिका निभाई। अब भारत उन बाहरी सिस्टम्स पर निर्भर नहीं रह सकता जो विदेशी सिद्धांतों और विदेशी युद्ध के मैदानों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। असली रणनीतिक आज़ादी के लिए भारत में बनी टेक्नोलॉजी की ज़रूरत है, जो भारतीय इलाके, भारतीय सेना और भारतीय मिशनों के लिए हो।
इस प्रगति पर बोलते हुए IG डिफेंस के CEO और फाउंडर बोधिसत्व संघप्रिय ने कहा, “IG डिफेंस ज़िम्मेदारी की गहरी भावना को दर्शाता है। भारत एक ऐसे दौर में प्रवेश कर रहा है जहाँ युद्ध इंटेलिजेंस, ऑटोनॉमी और सभी क्षेत्रों में तालमेल से तय होंगे। हमारा फोकस विश्वसनीय, वर्ल्ड क्लास डिफेंस सिस्टम बनाने पर है जो भारत में डिज़ाइन और मैन्युफैक्चर किए जाएं और लंबी अवधि की निर्भरता को कम करें। सेना के जिन नेतृत्वकर्ताओं ने अपना जीवन देश की सेवा में बिताया है, उनका मार्गदर्शन हमें भविष्य के लिए निर्माण करते समय स्पष्टता, अनुशासन और दिशा देगा।”
IG डिफेंस को उत्तरदायित्व का निर्वहन करने के लिए तैयार किया गया है। सैन्य नेतृत्व कंपनी के क्षमता निर्माण में मार्गदर्शन कर रहा है। इस विस्तारित मिशन को सहयोग करने के लिए IG डिफेंस ने भारत के कुछ सबसे सम्मानित सैन्य नेतृत्वकर्ताओं को अपनी सीनियर लीडरशिप में शामिल किया है। उनका जुड़ना सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं है बल्कि यह इस साझा विश्वास को दर्शाता है कि भारत की भविष्य की रक्षा क्षमताओं को ऑपरेशनल अनुभव और स्वदेशी टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के बीच करीबी तालमेल के ज़रिए तैयार किया जाना चाहिए।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल कुमार सामंतारा, AVSM, VSM, SM (रिटायर्ड) के पास चार दशकों से ज़्यादा का लीडरशिप का अनुभव है। उन्होंने इन्फैंट्री के डायरेक्टर जनरल की भूमिका निभाई है। इस भूमिका में उन्होंने मॉडर्नाइज़ेशन प्रोग्राम्स की देखरेख की और बड़े स्वदेशी खरीद सुधारों का नेतृत्व किया। उनका मार्गदर्शन IG डिफेंस के लैंड सिस्टम और मिशन क्रिटिकल प्लेटफॉर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चैत (रिटायर्ड) पहले इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ के चीफ थे। अब वह जॉइंट ऑपरेशंस, इंटीग्रेटेड थिएटर प्लानिंग और नेशनल लेवल के क्राइसिस मैनेजमेंट (संकट प्रबंधन) में अनुभव के साथ IG डिफेंस के साथ जुड़े हैं। उनका तीनों सेनाओं का दृष्टिकोण IG डिफेंस को इस बात से जोड़ने में मज़बूत बनाता है कि भारत के भविष्य के कमांड कैसे होंगे।
एयर कमोडोर राजेंद्र एन. गायकवाड़, AVSM, VSM (रिटायर्ड) भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट, ऑपरेशनल कमांडर और टेक्नोलॉजी प्लानर के तौर पर 35 साल की सेवा के बाद IG डिफेंस से जुड़ रहे हैं। हथियारों को शामिल करने, एयरोस्पेस मॉडर्नाइजेशन और भविष्य की क्षमता विकास में उनका अनुभव IG डिफेंस के एविएशन और ऑटोनॉमस सिस्टम प्रोग्राम्स को मार्गदर्शन देगा।
ड्रोन के अतिरिक्त एक व्यापक रक्षा रोडमैप के तहत IG डिफेंस संगठन एरियल प्लेटफॉर्म से काफ़ी ज्यादा विकसित हो रहा है। इसका काम अब नए ज़माने के लड़ाकू और परिवहन विमान टेक्नोलॉजी, टैक्टिकल इंटरसेप्टर सिस्टम, इंटीग्रेटेड बॉर्डर डिफेंस आर्किटेक्चर, ऑटोनॉमस नेवल सरफेस प्लेटफॉर्म, आर्म्ड मोबिलिटी सॉल्यूशन और स्पेस-बेस्ड सर्विलांस क्षमताओं तक फैल गया है। प्लेटफ़ॉर्म के साथ-साथ IG डिफेंस अपने खुद के सेंसर सूट, सुरक्षित युद्धक्षेत्र कम्युनिकेशन नेटवर्क, AI-इनेबल्ड कमांड सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध क्षमताएं और साइबर डिफेंस फ्रेमवर्क भी तैयार कर रहा है। ये सभी प्रयास मिलकर कंपनी को सिर्फ़ एक प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनी के बजाय एक लॉन्ग-टर्म डिफेंस टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में स्थापित करते हैं। आत्मनिर्भर भारत के विचारों से ओतप्रोत IG डिफेंस ऐसे सिस्टम बनाने में समर्पित और प्रतिबद्ध है।
जो संप्रभु है और वास्तविक ऑपरेशनल स्थितियों के लिए तैयार हैं। कंपनी डिफेंस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन, स्ट्रेटेजिक संस्थानों और ऑपरेशनल यूनिट्स के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसकी टेक्नोलॉजी ज़मीन पर सेनाओं को होने वाली असली समस्याओं को हल कर सकें। आधुनिक रक्षा नवाचारों को भारत के सबसे अनुभवी सैन्य नेतृत्वकर्ताओं (मिलिट्री लीडर्स) के अनुभव के साथ मिलाकर IG डिफेंस का लक्ष्य ऐसे सिस्टम बनाना है जिन पर भारत शांति के समय भरोसा कर सके और संघर्ष के समय निर्भर रह सके, ताकि वर्तमान समय में देश को सुरक्षित किया जा सके और भविष्य के लिए तैयार किया जा सके।
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