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बाल निकुंज : बच्चों ने सुनी प्रेरक लोककथा, लिया ये संकल्प


दादी–नानी की कहानी श्रृंखला का 75वां आयोजन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लोक संस्कृति शोध संस्थान की मासिक श्रृंखला दादी–नानी की कहानी का 75वां आयोजन सोमवार को पल्टन छावनी स्थित बाल निकुंज इंग्लिश स्कूल में उत्साहपूर्वक सम्पन्न हुआ। स्टोरीमैन जीतेश श्रीवास्तव ने बच्चों को सोने की चिड़िया और नीली बकरी की प्रेरक कहानी सुनाकर जीवन-मूल्यों, लक्ष्य के प्रति एकाग्रता और साहस का संदेश दिया।

बाल निकुंज स्कूल्स एंड कॉलेजेज के प्रबंध निदेशक एच.एन. जायसवाल ने कहा कि कहानियाँ बच्चों में नैतिकता, संवेदनशीलता और कल्पनाशीलता का विकास करती हैं। प्रधानाचार्य रश्मि शुक्ला ने लोक संस्कृति शोध संस्थान के पदाधिकारियों सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी सर्वेश माथुर, लेखक राज वर्मा, लोककथा प्रभारी शम्भू शरण वर्मा, डॉ. एस.के. गोपाल तथा नैमिष सोनी आदि का स्वागत किया।

जीतेश श्रीवास्तव द्वारा सुनाई गई कहानी में एक माली का छोटा बेटा सोने की चिड़िया की खोज में निकलता है। मार्ग में एक नीली बकरी उसकी सहायक बनती है और उसे राक्षसों तथा कठिनाइयों से पार पाने की सलाह देती है। साहस, बुद्धिमत्ता और निरंतर प्रयासों के बल पर वह न केवल सोने की चिड़िया ढूंढ निकालता है, बल्कि जीवन में सफलता भी प्राप्त करता है। कहानी यह संदेश देती है कि जो व्यक्ति लक्ष्य पर केंद्रित रहता है और चुनौतियों से बिना डरे जूझता है, वह अवश्य सफल होता है।

कार्यक्रम में बच्चों ने सरस्वती वंदना, स्वागत गीत तथा विभिन्न मनोरंजक गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। आयोजन में विद्यालय के शिक्षकगण शैलेन्द्र सिंह, अरविन्द दीक्षित, दीपा जोशी, बीबी सिंह, ओ.पी. वर्मा, अखिलेश उपाध्याय, मिथिलेश नायक, दिनेश तिवारी, मीरा मिश्रा, अनुराधा वैश्य, अनीता यादव, अमन, विवेक मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।