लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। फिक्की फ्लो लखनऊ द्वारा तीन दिवसीय अन्र्तराज्यीय सम्मेलन का प्रारंभ गोमती नगर स्थित होटल ताज में किया गया। यहां पहले दिन मीना बाजार का आयोजन किया गया। मुगलकाल में शहर में प्रमुख बाजारों की एक गली को लेकर वहां मीना बाजार लगाया जाता था। इसी बात को ध्यान में रख कर फिक्की फ्लो ने मीना बाजार प्रदर्शनी का आयोजन किया। इस प्रदर्शनी में भाग लेनें के लिए पूरे देश से फिक्की फ्लो के सभी चैप्टर से लगभग 500 सदस्यों और पदाधिकारियों को आमंत्रित किया है और इसे अपने वर्षिक अन्तराज्यीय बैठक का स्वरूप दिया है।

इस प्रदर्शनी का उद्घाटन फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम शर्मा, फ्लो की संस्थापक अध्यक्ष आभा डालमिया, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पूजा गर्ग, लखनऊ चैप्टर की चेयरपर्सन वंदिता अग्रवाल, रश्मि सरिता और गवर्निंग बॉडी मेंबर्स ने किया। बांसुरी के मधुर संगीत और जगमगाती रोशनियो और आकर्षक स्टालो पर देश भर से आए सदस्यों ने जमकर खरीददारी की। साडी, सूट, लहंगा, शरारा, गेरूआ, दुपट्टा और स्टोल के स्टाल विशेष रूप से आगन्तुको को आकर्षित कर रहे थे।
इस सभी स्टालो में उत्तर प्रदेश की सभी प्रकार की हस्तकला जैसे मुकेश से लेकर चिकनकारी तक, बनारसी साड़ियों से लेकर जरदोजी, टिल्ला और पिट्टा का काम विशेष रूप से इस प्रदर्शनी में देखने को मिला। इसके अलावा बाजार में नाजुक चप्पल और जूती, पोटली और अन्य आकर्षक घरेलू उत्पाद, उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों की कला को भी प्रदर्शित किया गया। इस मीना बाजार में अवध के अल्पज्ञात दुर्लभ आभूषणों का भी प्रदर्शन किया गया।
फ्लोे की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम शर्मा ने कहाकि अंतरराज्यीय बैठक हमारे गतिशील अखिल भारतीय सदस्यों के प्रदर्शन, परामर्श और नेटवर्किंग साझा करने के अनुभव के लिए एक सामान्य मंच है। हमारा उद्देश्य दिल्ली सहित 21 अध्यायों से महिला उद्यमियों और पेशेवरों को एक साथ लाना है, विचारों के आदान-प्रदान और मन की बैठक के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करना है। हमारा प्रयास नेतृत्व करने के लिए बुद्धि विकसित करना है। साथ ही महिलाओं के लिए मजबूत आवाज के रूप में एक साथ आना है।

फिक्की फ्लो लखनऊ चैप्टर की चेयर पर्सन वंदिता अग्रवाल ने कहा कि इस प्रदर्शनी के माध्यम से हम स्थानीय कला और कारीगरो की प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे है। हमारा उद्देश्य यह है कि देशभर से आए फिक्की फ्लोे के सदस्यो के माध्यम से हमारे प्रदेश की कला का देश में प्रचार हो। इस प्रदर्शनी में 40 स्टाल लगे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए शाम को दास्तान गोई का आयोजन हुआ। जिसमें लखनऊ के स्टोरी टेलर हिमांशु बाजपेयी ने अपनी बेहतरीन कहानी सुनाकर दर्शकों का दिल जीत लिया।
आज के दिन का अंत राग रंग रूह के साथ हुआ, जिसमें कथक डांस और म्यूज़िक का एक शानदार अनुभव हुआ। जिसमें अनुज मिश्रा ने अपनी परफॉर्मेंस में लखनऊ के कल्चर और ताल की आत्मा को दिखाया। इस अवसर पर ज्योत्सना हबीबुल्ला, अंजू नारायण, आरुषि टंडन, स्वाति वर्मा, विभा अग्रवाल, सिमरन साहनी, शमा गुप्ता, स्मृति गर्ग और वनिता यादव उपस्थित थे।
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