लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लखनऊ में इन्वेस्ट यूपी और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इंडो–यूएस बिज़नेस समिट 2025 में सरकार और उद्योग जगत के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया। समिट का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश की तीव्र होती आर्थिक प्रगति, रक्षा उत्पादन में बढ़ती हिस्सेदारी, नवाचार आधारित अर्थव्यवस्था और वैश्विक निवेश आकर्षण को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि भारत इस समय व्यापक आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और सरकार “ब्रांड इंडिया” को विश्व के नवाचार और प्रतिस्पर्धा केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवे, इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण, आईटी और प्रगतिशील औद्योगिक वातावरण प्रदेश को भारत का एक अत्यंत गतिशील ग्रोथ इंजन बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अब वैश्विक निवेशकों के लिए सबसे आकर्षक और संभावनाओं से भरे गंतव्यों में से एक बन चुका है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश आज “एक्सप्रेसवे प्रदेश” के रूप में अपनी नई पहचान स्थापित कर रहा है, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर उसकी आर्थिक स्थिति और मज़बूत हुई है। उन्होंने ब्रह्मोस और रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में उत्तर प्रदेश की बढ़ती भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि रक्षा गलियारे और रणनीतिक क्षमताओं के विस्तार के साथ प्रदेश राष्ट्र की सुरक्षा और उद्योग-आधारित विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है और निवेश मित्र पोर्टल ने निवेशकों को एक सहज, पारदर्शी और त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया प्रदान की है। 2017 के बाद से राज्य में अभूतपूर्व निवेश वृद्धि इस बात का प्रमाण है कि घरेलू और वैश्विक उद्योग उत्तर प्रदेश की नीतियों और दृष्टि में गहरा विश्वास रखते हैं।

उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश उद्यान, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि निर्यात के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय शक्ति के रूप में तेजी से उभर रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की “किसान-प्रथम नीति”, प्रगतिशील पहल और तकनीक आधारित आधुनिकीकरण ने कृषि परिदृश्य को पूरी तरह बदल दिया है और ग्रामीण समृद्धि को नई गति दी है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश वैश्विक बाजारों में अपनी पहुंच को व्यापक करने, भंडारण व कोल्ड-चेन अवसंरचना को सुदृढ़ करने और निर्यात-उन्मुख क्लस्टरों के विकास पर तेजी से काम कर रहा है।

उद्योग जगत का प्रतिनिधित्व करते हुए एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट लिमिटेड के प्रेसिडेंट एवं नेशनल हेड (होलसेल एंड डिस्ट्रीब्यूटर अलायंस) अमित गुप्ता ने निवेश परिदृश्य में आ रहे महत्वपूर्ण बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि फार्च्यून 500 कंपनियों की बढ़ती उपस्थिति, ग्लोबल वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के तीव्र विस्तार और डेटा सेंटर उद्योग के उभार ने उत्तर प्रदेश को भविष्य-उन्मुख निवेश हब के रूप में स्थापित कर दिया है। उनके अनुसार एआई और अगली पीढ़ी की तकनीकें उच्च मूल्य वृद्धि के नए अवसर खोल रही हैं।

समिट में एक उच्चस्तरीय पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें जेएसडब्ल्यू एनर्जी के गजेन्द्र प्रताप सिंह, ट्रांसजोवन कैपिटल के गौरव अस्ताना, यूएनओ मिंडा लिमिटेड के डॉ. अनाड़ी एन. एस. तथा अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड के नितिन शर्मा शामिल हुए। पैनल ने राज्य के तेज़ी से बढ़ते औद्योगिक विकास पर विचार-विमर्श किया और बताया कि सुधार-आधारित शासन, उन्नत लॉजिस्टिक नेटवर्क और निवेशक-केंद्रित नीतियाँ वैश्विक उद्योगों को उत्तर प्रदेश में विस्तार करने और नवाचार के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
कार्यक्रम में उद्योग प्रतिनिधियों, इन्वेस्ट यूपी के अधिकारियों तथा विभिन्न क्षेत्रों के कई हितधारकों ने भाग लिया। समिट ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि उत्तर प्रदेश आज वह राज्य बन चुका है जहाँ परंपरा और नवाचार एक साथ मिलकर वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए असीम अवसरों का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
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