लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डोरेमी क्लब ने अपने बहुप्रतीक्षित जूनियर स्टार्स डांस फेस्ट का आयोजन इंटरनेशनल बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर में एक शानदार प्रस्तुति के साथ किया। यह भव्य आयोजन डांस कैंप सीज़न 3 का फिनाले था, जिसमें 4 से 14 वर्ष के प्रतिभाशाली बच्चों की हफ्तों की मेहनत, ताल, रचनात्मकता के साथ भाग लिया।

29 सितंबर से 16 अक्टूबर तक आयोजित इस कैंप ने प्रतिभागियों को विभिन्न नृत्य शैलियों—समकालीन, हिप-हॉप से लेकर भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों ने कोरियोग्राफर जय ठाकुर और मयंक वर्मा के मार्गदर्शन में मूवमेंट, अभिव्यक्ति और मंच प्रस्तुति का अनुभव प्राप्त किया।
आज के कार्यक्रम में बच्चों की प्रदर्शन प्रतिभा, ऊर्जा और टीमवर्क देखने को मिला। प्रत्येक प्रस्तुति ने मंच को आत्मविश्वास और उत्साह से रोशन कर दिया।

ग्रैंड फिनाले के कलाकारों में काश्वी जैन, अमायरा सिंह, सर्गुन सेठी, अनैशा यादव, विदिशा अग्रवाल, कृषा गुलाटी, सिद्धि चरन, सान्वी गुप्ता, अव्यन अग्रवाल, अनाया गुलाटी, नव्या जैन, अहान अग्रवाल, वियान सूरी, आव्या सूरी, कियारा कपूर, श्लोक तुलसी, अनैशा अग्रवाल, अनईशा अग्रवाल, थिया त्रिपाठी, अनैशा सिंह, समायरा गर्ग, किंज़ा मलिक, जयवर्धन सिंगला, काश्वी केसरी और देवयानी मिश्रा ने अपनी प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर डॉ. अनुपम विद्यार्थी, सेठ एम. आर. जयपुरिया स्कूल के उप प्राचार्य, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने बच्चों की लगन और जुनून की सराहना की तथा डोरेमी क्लब को मंच कला के माध्यम से रचनात्मकता और अनुशासन को बढ़ावा देने के लिए बधाई दी।
डोरेमी क्लब की संस्थापक साहिबा तुलसी ने कोरियोग्राफर्स, अभिभावकों और सभी नन्हें कलाकारों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने मिलकर जूनियर स्टार्स डांस फेस्ट को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि ऐसे मंच बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और टीम भावना को प्रोत्साहित करते हैं और भविष्य में भी डोरेमी क्लब ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।

डोरेमी क्लब एक ऐसा मंच है जो रचनात्मक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए समृद्ध कार्यशालाओं और मास्टरक्लास का आयोजन करता है। यह उन उत्साही व्यक्तियों को एक साथ लाता है जो सपने देखते हैं। मेहनत करते हैं और साथ मिलकर आगे बढ़ते हैं। क्लब का उद्देश्य बच्चों और वयस्कों दोनों में कौशल विकास को बढ़ावा देना है ताकि वे अपनी पूरी क्षमता को पहचान सकें।
संस्थापक साहिबा तुलसी का विज़न है कि कला और प्रदर्शन के माध्यम से हर व्यक्ति को आत्म-अभिव्यक्ति और विकास के अवसर मिलें।