लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने लखनऊ स्थित अपने प्रधान कार्यालय में अपनी 27वीं वार्षिक सामान्य बैठक (एजीएम) आयोजित की। उक्त वार्षिक सामान्य बैठक में 31 मार्च, 2025 को समाप्त वर्ष हेतु सिडबी के लेखापरीक्षित वित्तीय परिणामों को अनुमोदित किया गया।
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मनोज मित्तल ने सदस्यों को संबोधित किया और सिडबी के वित्त वर्ष 2025 के वित्तीय और परिचालनगत कार्यनिष्पादन के बारे में जानकारी दी। वर्ष के दौरान, बैंक की वृद्धि जारी रही और उसके तुलनपत्र का आकार 5.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। बैंक का आस्ति आधार 31मार्च 2024 के ₹5,22,521 करोड़ से 8.7% बढ़कर मार्च 31, 2025 को ₹5,68,238 करोड़ हो गया। ऋण और अग्रिम पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2025 के अंत में ₹4,96,282 करोड़ हो गया, जो वित्त वर्ष 2024 के अंत में ₹4,56,015 करोड़ था और इस प्रकार यह 8.8% की वृद्धि दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2025 के दौरान, बैंक ने ₹38,511 करोड़ की आय अर्जित की। जो पिछले वर्ष की तुलना में 20.6% की वृद्धि दर्शाती है और पिछले वर्ष की तुलना में 19.5% की वृद्धि के साथ ₹4,811 करोड़ का निवल लाभ दर्ज किया है। जो बैंक द्वारा किसी भी वर्ष में दर्ज किया गया सर्वोच्च निवल लाभ है। प्रति शेयर अर्जन (ईपीएस) भी बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में ₹84.62 हो गया। 31 मार्च 2025 को बैंक का सकल एनपीए और निवल एनपीए अनुपात क्रमशः 0.04% और 0.00% था। वार्षिक सामान्य बैठक में वित्त वर्ष 2025 के लिए 20% का लाभांश अनुमोदित किया गया।
श्री मित्तल ने कहा, “सिडबी वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर एमएसएमई क्षेत्र को सुदृढ़ करने और उसका विस्तार करने के लिए समर्पित है। हम ऋण पहुँच का विस्तार कर रहे हैं, जिसके लिए नवोन्मेषी डिजिटल प्रयासों और ऋण उत्पादों को लाया गया है, जैसे एक्सप्रेस ऋण, जो त्वरित और निर्बाध अनुमोदनों को सुगम बनाने के लिए स्वचालित मूल्यांकन प्रणालियों का उपयोग करता है।“
सिडबी, सरकार और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर कार्य करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को समुत्थानशील बनने, वृद्धि करने और वैश्विक स्तर पर विस्तार करने में सहयोग प्रदान करता है।
जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, सिडबी हरित ऊर्जा और स्वच्छ उत्पादन विधियों को अपनाने पर ध्यान केंद्रित करता है जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के लिए कई व्यावसायिक अवसर प्रदान करती हैं। वित्त वर्ष 2025 में और वित्त वर्ष 2026 में भी अब तक बैंक ने अपने शाखा नेटवर्क का काफी विस्तार किया है। बैंक की योजना है कि अपने शाखा नेटवर्क को और भी बढाए जाए, ताकि अधिकतम सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों को ऋण तक पहुंच मिल सके। साथ ही, उद्योग संघों के नेटवर्क का लाभ उठाकर प्रभाव उन्मुख कार्यक्रमों के माध्यम से पारितंत्र विकसित करने की भी योजना है।