लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश के परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर को नई ऊंचाई देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने राज्यभर में आधुनिक बसपोर्ट्स का शिलान्यास किया।
इस शिलान्यास कार्यक्रम में बीटुगेदर (ओमैक्स ग्रुप का वेंचर) द्वारा पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किए जाने वाले छह बसपोर्ट्स में से चार का शिलान्यास किया गया। इनमें लखनऊ (विभूति खंड, गोमती नगर), गाज़ियाबाद (ओल्ड), प्रयागराज (सिविल लाइंस) और अयोध्या धाम शामिल हैं। इन चार के अलावा बीटुगेदर लखनऊ (अमौसी) और कौशांबी (गाज़ियाबाद) बसपोर्ट्स का भी विकास करेगा। लगभग ₹2,700 करोड़ के निवेश से बनने वाले ये सभी छह बसपोर्ट्स यात्री सुविधा और वाणिज्यिक गतिविधियों के समन्वय के साथ एकीकृत, भविष्य के लिए तैयार केंद्र के रूप में विकसित किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम का आयोजन यूपीएसआरटीसी द्वारा किया गया, जिसमें मासूम अली सरवर (आईएएस, प्रबंध निदेशक, यूपीएसआरटीसी) एवं अमित गुप्ता (आईएएस, अध्यक्ष, यूपीएसआरटीसी एवं प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) शामिल रहे। कार्यक्रम के दौरान ओमैक्स और बीटुगेदर की ओर से मोहित गोयल (प्रबंध निदेशक, ओमैक्स ग्रुप एवं संस्थापक, बीटुगेदर) तथा सुनील कुमार सोलंकी (प्रेसिडेंट एवं बिज़नेस हेड, बीटुगेदर) उपस्थित रहे।
ओमैक्स ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं बीटुगेदर के संस्थापक मोहित गोयल ने कहा, “यूपीएसआरटीसी द्वारा बसपोर्ट्स के आधुनिकीकरण की पहल उत्तर प्रदेश की शहरी प्रगति और बेहतर कनेक्टिविटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमें गर्व है कि हम छह बसपोर्ट्स को आधुनिक और एकीकृत ट्रांज़िट हब में बदलने में सहयोग कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य सिर्फ यात्री सुविधाओं को बढ़ाना ही नहीं, बल्कि आर्थिक विकास और सामुदायिक विकास के नए अवसर भी बनाना है। यूपीएसआरटीसी के साथ साझेदारी कर हम राज्य की कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने के मिशन का हिस्सा बनकर गौरव महसूस कर रहे हैं।”
आधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे नए बसपोर्ट्स
नए बसपोर्ट्स पारंपरिक बस टर्मिनलों से कहीं आगे बढ़कर अगली पीढ़ी के ट्रांज़िट हब के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। इनमें ऑटोमेटेड टिकटिंग, डिजिटल शेड्यूल बोर्ड, एयर कंडिशन्ड लाउंज, एस्केलेटर, लिफ्ट, स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम और चार्जिंग स्टेशन जैसी आधुनिक यात्री सुविधाएँ होंगी। इसके साथ ही रिटेल आउटलेट्स, फूड कोर्ट, बैंक्वेट हॉल, स्टूडियो अपार्टमेंट्स और ऑफिस स्पेस जैसी व्यावसायिक गतिविधियाँ भी शामिल होंगी, जिससे ये बसपोर्ट्स अपने-अपने शहरों में जीवंत आर्थिक केंद्र बनेंगे।
हर परियोजना को प्रमुख रेजिडेंशियल और कमर्शियल सेक्टर्स के आसपास रणनीति के तहत स्थापित किया गया है, जिससे यात्रियों और व्यवसायों को बेहतर कनेक्टिविटी व सुविधाएं मिलें। इन बसपोर्ट्स का विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप, ओवरऑल डेवलपमेंट और ओमैक्स के अनुभव पर आधारित है, जो न केवल इंफ्रास्ट्रक्चर की खाई को पाटेगा बल्कि सामाजिक-आर्थिक प्रगति को भी गति देगा।