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समाधानपरक पत्रकारिता से समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव : प्रो. प्रमोद कुमार


वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारतीय जनसंचार संस्थान के रणनीतिक संचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रमोद कुमार ने कहा कि मीडिया को नकारात्मक चीजें कम दिखानी चाहिए। मीडिया को सकारात्मक समाचार प्रसारित करना चाहिए जिनसे लोग प्रेरणा ग्रहण कर सकें। प्रो. कुमार महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के जनसंचार विभाग में “समाधानपरक पत्रकारिता” पर विशेष व्याख्यान दे रहे थे।
प्रो. प्रमोद कुमार ने पत्रकारिता के मूल्यों पर चर्चा करते हुए वर्तमान पत्रकारिता की दशा और दिशा पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज के समय में समाधानपरक पत्रकारिता की काफी जरूरत है। जिससे पत्रकारिता सिर्फ सवाल उठाने वाला पेशा न मानी जाए, बल्कि समस्याओं को इंगित करते हुए उसके समाधान का रास्ता दिखाने वाला माध्यम भी बने। उन्होंने कहा कि आज के समय में जरूरत है कि हम अपनी भारतीय ज्ञान परंपरा को गहराई से समझें तथा पत्रकारीय मूल्यों में भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल्यों को भी निहित करें। आज की पत्रकारिता भारत की संस्कृति, परम्परा और यहां के लोक को आधार मानकर की जानी चाहिए।

पत्रकारिता के सकारात्मक दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि समाचारों में हैडलाइन हमेशा सकारात्मक रखनी चाहिए और समाज में बदलाव लाने वाली ख़बरों को फ्रंट पेज पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाना चाहिए। उनका मानना था कि समाधानपरक पत्रकारिता से समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
उन्होंने विद्यार्थियों और शोधार्थियों से “शोध पत्र कैसे लिखें” विषय पर विस्तार से संवाद किया। उन्होंने बताया कि एक प्रभावी और पूर्ण शोध पत्र लिखने की क्या प्रविधि होनी चाहिए। शोध के विभिन्न चरणों पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की। इस दौरान छात्रों और शोधार्थियों ने उनसे सवाल भी पूछे जिसका प्रो. प्रमोद कुमार ने जवाब दिया।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. फरहद मालिक ने समाधानपरक पत्रकारिता के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला तथा प्रो. प्रमोद कुमार के व्याख्यान को छात्रों के लिए लाभकारी बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से छात्रों को समृद्ध होने का अवसर मिलता है। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. कृपाशंकर चौबे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जनसंचार विभाग के स्नातक चतुर्थ छमाही की छात्रा सादगी परमार ने किया। इस अवसर पर डॉ. रेणु सिंह, डॉ. निशीथ राय, डॉ. वीरेंद्र यादव, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ. गीता शाहू सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र, शोधार्थी और शिक्षक उपस्थित रहे।