लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अलीगंज में बुधवार को “संस्कृत दिवस उत्सव” के उपलक्ष्य में “संस्कृत गीत गायन” एवं एक विशिष्ट व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. राम सुमेर यादव (पूर्व विभागाध्यक्ष, संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) ने “संस्कृत साहित्य और भाषा” पर अपने विचार रखते हुए भारतीय संस्कृति की उत्पत्ति का मूल स्रोत संस्कृत भाषा को बताया। उन्होंने संस्कृत साहित्य के विभिन्न आख्यानों के माध्यम से भारतीय संस्कृति की विशेषताओं का वर्णन किया। साथ ही अपनी कवि प्रतिभा के द्वारा अपनी काव्य प्रस्तुति के माध्यम से उपस्थित श्रोताओं को काव्य रसास्वादन कराते हुए संस्कृत भाषा के लालित्य और माधुर्य से मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्राचार्य प्रो. अनुराधा तिवारी ने विभिन्न उदाहरणों से स्पष्ट किया कि भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत भाषा एवं साहित्य में निहित है। इस अवसर पर संस्कृत विभाग की छात्राओं ने संस्कृत गीत गायन के माध्यम से भारतीयता और राष्ट्र प्रेम को प्रस्तुत किया। “कालीदासो जने-जने, कंठे-कंठे संस्कृतम्” का संदेश दिया। गीत गायन प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाली छात्राओं- पिंकी सिंह, जान्हवी शुक्ला, गरिमा, निशी मौर्य, नेहा तिवारी और शिवांशी की मुख्य अतिथि ने प्रशंसा की और पुरस्कृत किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक प्रो. रश्मि बिश्नोई, प्रो. शिवानी श्रीवास्तव, डा. शालिनी श्रीवास्तव, डा. राजीव यादव, डा. क्रांति सिंह, डा. श्वेता भारद्वाज, डा. रश्मि अग्रवाल, डा. मीनाक्षी शुक्ला, डा. विशाल प्रताप सिंह, डा. राहुल पटेल, डा. कुणाल दीक्षित, डा. रोशनी सिंह, डा. जितेन्द्र दुबे, कर्मचारी और छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संयोजन और संचालन डा. उमा सिंह (विभागाध्यक्ष, संस्कृत विभाग) ने किया।