Thursday , September 19 2024

कई गर्भपात और आईवीएफ असफलताओं को मात देकर स्वस्थ बेटे को दिया जन्म


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। एक दशक से अधिक समय तक निःसंतानता की समस्या और आईवीएफ इलाज की असफलता के बाद दम्पती संतान सुख की उम्मीद छोड़ देते हैं। लेकिन एक 38 वर्षीय आरती (बदला हुआ नाम) ने इन्दिरा आईवीएफ, लखनऊ से उपचार लेकर सफलतापूर्वक गर्भधारण किया और एक स्वस्थ संतान कोे जन्म दिया है। मरीज़ को 11 वर्षों से प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। महिला को तिमाही के बीच बार-बार गर्भपात और सैकेण्डरी इनफर्टिलिटी के कारण संतान सुख नहीं मिला था और चार आईवीएफ भी असफल हो गये थे। इन्दिरा आईवीएफ में एक नवीन सर्जिकल इन्टरवेंशन और उसके बाद आईवीएफ उपचार के बाद मातृत्व सुख के लिए यात्रा की शुरूआत हुई और सफल गर्भावस्था के बाद एक स्वस्थ संतान को जन्म दिया।


दम्पती शादी के बाद एक दशक से अधिक समय से गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे थे। बार-बार गर्भपात और आईवीएफ असफल होने के कारण उन्होंने संतान सुख की उम्मीद खो दी थी। इन्दिरा आईवीएफ में जांच करने पर पता चला कि मरीज का गर्भाशय बायकोरनेट था, जिससे बार-बार गर्भपात और प्रत्यारोपण विफलता का खतरा काफी बढ़ गया था।
डॉ. पवन यादव के नेतृत्व में इन्दिरा आईवीएफ के विशेषज्ञों की टीम ने आईवीएफ उपचार के साथ आगे बढ़ने से पहले मरीज के बायरकोरनेट गर्भाशय को सही करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जिकल एप्रोच का इस्तेमाल किया। इस सर्जिकल इंटरवेंशन ने भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए अधिक अनुकूल गर्भाशय वातावरण तैयार किया। सफल सर्जरी के बाद मरीज का आईवीएफ प्रोसिजर किया गया जिसमें एक उच्च गुणवत्तायुक्त ब्लास्टोसिस्ट (ग्रेड -1) भ्रूण गर्भाशय में स्थानांतरित किया गया। इस उपचार के परिणामस्वरूप सर्जरी के बाद पहले प्रयास में महिला को सफल गर्भधारण हुआ। बिना किसी समस्या के गर्भावस्था अवधि पूर्ण होने पर सिजेरियन सेक्शन के माध्यम से एक स्वस्थ संतान का जन्म हुआ।
उपचार टीम का नेतृत्व करने वाले इन्दिरा आईवीएफ, लखनऊ हॉस्पिटल हेड डॉ. पवन यादव ने कहा, “यह मामला प्रजनन उपचार के लिए एक अलग योजना निर्माण की आवश्यकता को रेखांकित करता है। लेप्रोस्कोपिक गर्भाशय यूनिफिकेशन के माध्यम से अंतर्निहित शारीरिक समस्या को दूर करके हम भ्रूण प्रत्यारोपण के लिए उचित वातावरण बनाने में सफल हुए थे। उन्नत आईवीएफ तकनीकों से हमें बार-बार गर्भपात और पिछले आईवीएफ विफलताओं से उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने में सफलता मिली। इस जटिल मामले में हमारी सफलता समान प्रजनन चुनौतियों का सामना करने वाली महिलाओं को असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक के माध्यम से संतान सुख मिलने की उम्मीद जगाती है।
यह मामला मरीजों को व्यक्तिगत और नवीन प्रजनन समाधान उपलब्ध करवाने के प्रति इन्दिरा आईवीएफ की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। शारीरिक असामान्यता और प्रजनन क्षमता संबंधी दोनों समस्याओं का सफलतापूर्वक इलाज करके हमारी टीम मरीज़ का मातृत्व का सपना पूरा करने में मदद करने में सक्षम हुई। यह केस दूसरे मरीजों को भी नयी तकनीकों का उपयोग करके परिवार पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।