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उद्योग के लिए जमीन देने वाले किसानों का भी हो सर्वांगीण विकास : धीरेंद्र सिंह

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। “विकास की परिभाषा को हमें समझना होगा। विकास का मतलब औद्योगिक विकास नही है, वरन् विकास की परिभाषा में औद्योगिक विकास के साथ-साथ किसानों का विकास भी सम्मलित है।” यह कहना है जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह का। इस संबंध में बीते 12 जून को उन्होंने लखनऊ में राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दूबे से भी मुलाकात की थी।

जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह ने राजस्व परिषद के अध्यक्ष से कहा था कि जिस किसान की जमीन पर बड़े बड़े उद्योग धंधे स्थापित किए गए हैं और अनेकों आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से अनेकों लोग अपना आर्थिक और सामाजिक विकास कर रहे हैं। वहां जमीन देने वाले किसानों का भी सर्वांगीण विकास हो, ऐसी योजना पर हमें काम करना होगा। विधायक धीरेन्द्र सिंह ने कहा कि ’’क्या यह अनुचित नही है कि गांवों को स्लम बना दिया जाए और उसके आस-पास का विकास विश्वस्तरीय हो?। उचित तो यह होता कि ग्रामों के साथ साथ, वहां रहने वाले किसान, उन पर आश्रित खेतीहर मजदूर और कामगारों का भी समूचित और सर्वांगीण विकास होता। इसलिए हमें समझाना होगा कि विकास किसे कहते हैं। विकास कुछ का नही, वरन सबका हो, यही तो हमारी सरकार चाहती है।”
उन्होंने कहा कि ’’ग्रामों में आबादी का विस्तार किसानों की जरूरत है। किसान की पीढियों को अपने रहने और अपने जीवन यापन के लिए संसाधन चाहिए। हमें किसान की जरूरतों, वहां रहने वाले लोगों की भावनाओं और वक्त की जरूरत के हिसाब से किसान की आबादियों का निस्तारण करना पडेगा।” इसके अतिरिक्त समान मुआवजा और आबादी विनियमावली आदि अनेकों महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा हुई थी।
किसानों का पक्ष सुनने के पश्चात राजस्व परिषद के अध्यक्ष ने जेवर विधायक धीरेन्द्र सिंह द्वारा उठाए गए बिंदुओं और किसान के हितों को ध्यान में रखते हुए, अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित किए जाने हेतु आश्वस्त किया है।