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मन के भावों की सहज अभिव्यक्ति है संगीत : प्रो. अनुराधा तिवारी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। संगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं है ये हमारे जीवन से जुड़ा है। संगीत में भारत की आत्मा का वास है। उक्त विचार भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मांडवी सिंह ने सोमवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज में आयोजित समारोह में व्यक्त किये। सूच्य है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर भातखंडे संस्कृति विवि के समन्वय से महाविद्यालय में एक “अटल अँजुरी” नामक सांस्कृतिक क्लब की स्थापना की गई है। प्रथम त्रैमास के लिए सरकार द्वारा पचास हज़ार रुपया अनुदान स्वीकृत किया गया है।

सोमवार को अंतरराष्ट्रीय नृत्य दिवस के अवसर पर क्लब का विधिवत उद्घाटन किया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर माँड़वी सिंह तथा विशिष्ट अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी प्रोफेसर सुधीर चौहान मौजूद रहे। प्रोफेसर चौहान ने कहा कि संस्कृति के उन्नयन और विकास के लिए सरकार सतत प्रयत्नशील है। 

प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने बताया कि महाविद्यालय में अँजुरी क्लब का प्रभारी प्रोफेसर रश्मि बिश्नोई को बनाया गया है। जबकि प्रोफेसर विनीता लाल, डाक्टर शालिनी श्रीवास्तव, डाक्टर श्वेता भारद्वाज, डाक्टर प्रतिमा शर्मा तथा डाक्टर भास्कर शर्मा को क्लब का पदाधिकारी मनोनीत किया गया है।

उद्घाटन के अवसर पर क्लब के प्रतीक चिन्ह (लोगो) तथा डाक्टर भास्कर शर्मा द्वारा रचित क्लब गीत ”कला संस्कृति और भाषा की बस अँजुरी भर प्यास है” का लोकार्पण भी किया गया। क्लब लोगों के लिए कुल सत्तावन प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई जिसमें ज्योति रावत के लोगो का चयन निर्णायक मंडल द्वारा करके उसे प्रथम घोषित किया गया। जबकि द्वितीय स्थान तनु को तथा तृतीय स्थान पर पल्लवी और सुखमीत संयुक्त रूप से रहीं।

प्राचार्य प्रोफेसर अनुराधा तिवारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि संगीत निराशा को दूर करके मन में आशा का संचार करता है। संगीत मन के भावों की सहज अभिव्यक्ति है। संगीत मानव मन की वीणा है।

कार्यक्रम का सफल संचालन डाक्टर शालिनी श्रीवास्तव तथा डाक्टर श्वेता भारद्वाज ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डाक्टर विनीता लाल तथा प्रमाण पत्र वितरण डाक्टर प्रतिमा शर्मा ने किया। क्लब प्रभारी प्रोफेसर रश्मि बिश्नोई ने बताया कि क्लब के आगामी कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार कर ली गई है। कार्यक्रमों को पाँच भागों में विभक्त किया गया है जो तीस जून तक सम्पन्न कर लिया जायेगा।