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AKTU : एमएसएमई में शून्य कार्बन उत्सर्जन के लिए हुआ मंथन

– एकेटीयू में इनोवेशन हब और दी एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में एमएसएमई सेक्टर में डिकार्बनाइजेशन की जगह क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए एक्सपर्ट का हुआ राउंडटेबल

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में मंगलवार को इनोवेशन हब और दी एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में एमएसएमई सेक्टर में डिकार्बनाइजेशन की जगह क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए राउंडटेबल का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने एमएसएमई में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए नई तकनीकी पर चर्चा की।

कुलपति प्रो. जेपी पांडेय के निर्देशन में हुए इस कार्यक्रम में यूपी टेक्सटाइल्स टेक्नोलाॅजी इंस्टीट्यूट कानपुर के एसो0 प्रोफेसर डाॅ. अरूण कुमार सिंह गंगवार ने एमएसएमई में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि नई तकनीकी का प्रयोग कर क्लीन एनर्जी का प्रयोग किया जा सकता है। इससे न केवल उर्जा की खपत कम होगी बल्कि कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा। इंटीग्रल विश्वविद्यालय के सोलर विभाग के डायरेक्टर प्रो. टी उस्मानी ने एमएसएमई सेक्टर में सोलर एनर्जी के प्रयोग के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनके विश्वविद्यालय में सोलर एनर्जी पर कई शोध किये जा रहे हैं। उन्होंने ऑर्गेनिक सोलर सेल के बारे में बताया।

यूपी टेक्सटाइल्स टेक्नोलाॅजी इंस्टीट्यूट कानपुर के डाॅ. शुभांकर मैती ने नवाचार और नई तकनीकी के समझ चुनौतियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नई तकनीकी और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार जरूरी है। जब इनका प्रयोग होगा तभी लाभ भी मिलेगा। उन्होंने बनाना फाइबर के बारे में भी जानकारी दी और बताया कि इसका प्रयोग किया जा रहा है।सिद्धार्थनगर जिले के हसुड़ी औसानपुर गांव के ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी ने अपने गांव में कार्बन उत्सर्जन कम करने के उपाय के बारे में बताया।

एसो0 डीन इनोवेशन डाॅ. अनुज कुमार शर्मा ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर बहुत वृहद है। ऐसे में इसका कार्बन उत्सर्जन मुक्त होना जरूरी है। नई तकनीकी के जरिये काफी हद तक इसे कम किया जा सकता है। इनोवेशन हब की मैनेजर वंदना शर्मा ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इनोवेशन हब की भूमिका पर चर्चा की। विषय स्थापना टेरी की वरिष्ठ फेलो डाॅ. मिनी गोविंदन ने किया। जबकि धन्यवाद अकिफ फारूकी ने किया। इस मौके पर इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह, रश्मि, मनीष, कृति सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

केले के तने से बने घरेलू उत्पाद रहा खास

कार्यक्रम में अमेठी के स्वयं सहायता समूह ओंकार सेवा संस्थान की ओर से सिंहपुर गांव की महिलाओं के नाबार्ड के सहयोग से केले के तने से विभिन्न प्रकार के घरेलू उत्पाद की प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी। संस्थान के महासचिव सूर्य कुमार त्रिपाठी ने बताया कि गांव की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। अब महिलाएं केले के तने से तरह-तरह के उत्पाद बना रही हैं। इससे उनकी आमदनी भी हो रही है और केले के पौधेे का भी प्रयोग हो रहा है। महिलाओं ने केले के तने से पर्स, बैग, चप्पल, टोकरी, टोपी सहित अन्य उत्पाद बना रही हैं।