वर्धा (टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में गांधीजी की पुण्यतिथि के दिन 30 जनवरी को विश्वविद्यालय द्वारा पूर्वाह्न 11:00 बजे गांधी हिल्स पर पुष्पांजलि, प्रार्थना और मौनधारण का आयोजन कर शहीद दिवस पर गांधीजी को अभिवादन किया गया। इस कार्यक्रम में शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को भी कुलसचिव कार्यालय द्वारा जारी सूचना के माध्यम से आमंत्रित किया गया था। इस दौरान शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। उक्त कार्यक्रम में उपस्थित न रहकर कुछ छात्रों ने कुलसचिव को 29 जनवरी को एक पत्र देकर सायं 6 बजे चर्चा-परिचर्चा कार्यकम का आयोजन करने की सूचना दी थी। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 11 बजे ही शहीद दिवस पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया जा चुका था और सूर्यास्त के बाद सायं 6 बजे श्रद्धांजलि अर्पित करने का कोई औचित्य नहीं बनता था। विद्यार्थियों के पत्र पर कुलसचिव ने ‘विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में शामिल हो’ लिखकर उन्हें आमंत्रित किया था। परंतु कार्यक्रम की गंभीरता को नजर अंदाज कर अनुमति न होते हुए भी कुछ विद्यार्थी गांधी हिल्स पर एकत्रित हुए।
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि विद्यार्थी गांधी हिल्स पर महात्मा गांधीजी की प्रतिमा के पास चर्चा-परिचर्चा कार्यकम न करते हुए अलग से गांधीजी का छोटा सा फोटो लेकर जमा हुए। यह कृत्य विश्वविद्यालय की छवि को धूमिल करने वाला प्रतीत होता है और यह उन विद्यार्थियों की मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है। यदि विद्यार्थी 11 बजे के कार्यक्रम में शामिल होते तो उन्हें 6 बजे के कार्यक्रम के लिए अलग से अनुमति की जरूरत ही नहीं होती। विश्वविद्यालय में गांधीजी को श्रद्धांजलि देने से कोई रोक नहीं थी। विद्यार्थियों ने विश्वविद्यालय के आयोजन से मुंह फेरकर शाम को सभा आयोजित करने के पीछे आखिर क्या उद्देश था? अमुमन श्रद्धांजलि के कार्यक्रम दिन में ही आयोजित करने की व्यवस्था रही है, जिसे तोडकर 06:00 बजे सभा की जा रही थी।