वर्धा (टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के लिए डिजिलॉकर पोर्टल के माध्यम से अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट के संबंध में शुक्रवार को ग़ालिब सभागार में ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में डिजिलॉकर पर अपने शैक्षणिक दस्तावेज किस प्रकार से सुरक्षित रखे जा सकते हैं इस पर विस्तार से पीपीटी के द्वारा मार्गदर्शन किया गया। यह प्रणाली शुरू करने लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने 28 जुलाई 2021 को ही एक परिपत्र जारी किया था। इसके माध्यम से विद्यार्थी अपनी डिग्री, प्रमाण पत्र और शिक्षा से संबंधित अन्य दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं।
इस अवसर पर बताया गया कि नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी में अब तक दो सौ से अधिक विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षा संस्थाओं ने अपना पंजीकरण कराया है। यह एक प्रामाणिक है और इस पर उपलब्ध दस्तावेज विश्व भर में उपलब्ध हो सकते हैं। इस प्रणाली से विद्यार्थी अपने शैक्षणिक दस्तावेज को सुरक्षित रख सकता है। यह कदम संपूर्ण शिक्षा प्रणाली और शिक्षा संस्कृति में परिवर्तनकारी साबित होगा। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने अपनी जिज्ञासाएं प्रकट की। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। इस प्रणाली का अधिक से अधिक शिक्षा संस्थानों और विद्यार्थियों को लाभ लेने का आह्वान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया गया।
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