संतोष कुमार सिंह
लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा की जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाले नेता सदन उत्तर प्रदेश को परमानेंट डीजीपी क्यों नहीं दे पा रहे हैं। जब तक यूपी को परमानेंट डीजीपी नहीं मिलेगा तब तक कानून व्यवस्था को बेहतर बताने की बात कहना बेमानी है। 1 घंटा 32 मिनट के अपने भाषण में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा। यूपी की कानून व्यवस्था पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा की कानपुर में मां बेटी को आग के हवाले कर दिया गया। जिस पुलिस और प्रशासन पर उनको बचाने की जिम्मेदारी थी वह वहां से भाग खड़े हुए। और तो और आग लगी झोपड़ी पर सरकारी अमला ने बुलडोजर चलाने का काम किया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बुलडोजर का दिमाग नहीं होता। अखिलेश यादव ने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए बाराबंकी में न्याय न मिलने पर लेखपाल ने की आत्महत्या, बलिया में सूदखोरों के जंजाल में फसकर लाइव आत्महत्या, कानपुर देहात में बलवंत सिंह की कस्टोडियल डेथ। रायबरेली में एक दलित लड़के से जूता चटवाए जाने का मुद्दा भी सदन में जोर शोर से उठाया। उन्होंने सदन में मांग उठाते हुए प्रदेश में हुए कस्टोडियल डेथ पर परिजनों को एक एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मैं पहली बार पुलिस मुख्यालय पहुंचा था। वह वर्ल्ड क्लास पुलिस मुख्यालय जिसे समाजवादी सरकार में बनाया गया था। वहां दिन के 12 बजे तक सब सो रहे थे। कोई पुलिस अफसर मुख्यालय में मौजूद नहीं था। नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) का आंकड़ा सदन में रखते हुए कहा की महिला हिंसा और महिला उत्पीड़न के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। रेप के मामले में भी उत्तर प्रदेश कई राज्यों से आगे है।
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