(संदर्भ : राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय नेता अनुपम मिश्र ने इस कविता की रचना करते हुए लिखा है कि यह कविता उन लोगों के जीवन का एक अंश मात्र भी नहीं है जो गाँव से शहर अपने परिवार के लिए रोटी कमाने आते हैं और बिना काम पाए अधिकतर खाली …
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