नई दिल्ली : दक्षिण अफ्रीका के कप्तान टेम्बा बावुमा ने खुलासा किया है कि भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋषभ पंत और तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह ने कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट के दौरान उनके बारे में अपनी भाषा में की गई टिप्पणी को लेकर उनसे माफी मांगी थी।भारत के खिलाफ 2-0 से टेस्ट सीरीज़ जीतने वाले बावुमा ने कहा कि हालांकि ऐसी बातें आसानी से भुलाई नहीं जातीं, लेकिन उनके मन में किसी तरह की कोई कड़वाहट नहीं है। पहले टेस्ट के पहले दिन स्टंप माइक पर एक घटना कैद हुई थी, जिसमें 14वें ओवर में एलबीडब्ल्यू की अपील के दौरान बुमराह और पंत को बावुमा के लिए ‘बौना’ शब्द का इस्तेमाल करते सुना गया था।इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बावुमा ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के हवाले से कहा, “भारत के खिलाफ सीरीज़ हमेशा ही तीव्र होती है। जब माहौल गरम होता है तो मुकाबला और भी रोमांचक बन जाता है और खिलाड़ियों को अतिरिक्त प्रेरणा मिलती है। जब तक खिलाड़ियों के बीच सम्मान बना रहता है, मैदान पर जो कुछ भी होता है, वह खेल का हिस्सा है।”उन्होंने आगे कहा,“मेरे साथ एक घटना हुई, जिसमें उन्होंने अपनी भाषा में मेरे बारे में कुछ कहा। आखिरकार दो सीनियर खिलाड़ी—ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह—मेरे पास आए और मुझसे माफी मांगी। जब माफी मांगी गई, तब मुझे खुद नहीं पता था कि मामला क्या है। बाद में मैंने अपनी मीडिया मैनेजर से इस बारे में जानकारी ली।”बावुमा ने स्पष्ट किया कि मैदान पर कही गई बातों को खिलाड़ी भूलते नहीं हैं, बल्कि उन्हें प्रेरणा के रूप में इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा, “मैदान पर जो होता है, वह मैदान तक ही रहता है, लेकिन कही गई बातें याद रहती हैं। आप उन्हें अपने लिए ऊर्जा और मोटिवेशन की तरह इस्तेमाल करते हैं, लेकिन किसी तरह की व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं होती।”दक्षिण अफ्रीका के हेड कोच शुक्री कॉनराड के ‘ग्रोवेल’ (गिड़गिड़ाने) वाले बयान पर भी बावुमा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने माना कि कोच को शायद कोई और शब्द चुनना चाहिए था। उन्होंने कहा, “शुक्री को भी अपने ‘ग्रोवेल’ वाले बयान के लिए आलोचना झेलनी पड़ी। पहली बार जब मैंने वह शब्द सुना, तो वह थोड़ा असहज लगा। लेकिन इससे यह भी पता चलता है कि यह टेस्ट सीरीज़ कितनी कड़ी और प्रतिस्पर्धी थी। बाद में शुक्री ने वनडे सीरीज़ के बाद इस मुद्दे पर सफाई दी और माना कि वह बेहतर शब्द चुन सकते थे, जिससे मैं भी सहमत हूं।”गौरतलब है कि बावुमा की कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका ने भारत में टेस्ट सीरीज़ जीती, जो इससे पहले आखिरी बार साल 2000 में हंसी क्रोनिए के नेतृत्व में हुआ था। बावुमा ने बताया कि उन्होंने और कोच शुक्री कॉनराड ने महीनों पहले से भारत दौरे की तैयारी शुरू कर दी थी, ताकि 2015 और 2019 की असफलताओं से सीख लेकर इस बार सफलता हासिल की जा सके।उन्होंने कहा,“हम महीनों से भारत को लेकर बातचीत कर रहे थे—किस तरह की टीम चाहिए, किस तरह के खिलाड़ी चाहिए और हमें सफल होने के लिए क्या करना होगा। यह ऐसा नहीं था कि भारत पहुंचकर हमने सोचा कि अब क्या करना है। इस सीरीज़ की नींव बहुत पहले रख दी गई थी।”बावुमा ने अंत में कहा कि ढाई दशक बाद भारत में टेस्ट सीरीज़ जीतना टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा, “यह हमारी कैप में एक और पंख है। हम एक टेस्ट टीम के रूप में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।”
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