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‘बांग्लादेश अराजकता की ओर…’, शेख हसीना की हादी की मौत के बाद हुई हिंसा पर यूनुस सरकार पर टिप्पणी

ढाका/नई दिल्ली : बांग्लादेश में इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी को शनिवार को ढाका विश्वविद्यालय में देश के राष्ट्रकवि काजी नजरुल इस्लाम की कब्र के पास दफनाया जा चुका है। हादी की मौत के बाद जो हिंसा देश में हुई है, उससे बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना बेहद आहत हैं। वह कहती हैं कि बांग्लादेश की यूनुस सरकार हिंसा रोकने में नाकाम रही। सरकार देश को अराजकता की ओर ले जा रही है।मीडिया रिपोर्ट में शेख हसीना ने यूनुस सरकार पर लोकतंत्र कमजोर करने और राजनीति से प्रेरित फैसले लेने का आरोप लगाया। अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने कहा कि उनके खिलाफ चल रही कानूनी प्रक्रिया न्याय नहीं, राजनीतिक बदले का माध्यम है। हसीना ने हादी की मौत पर कहा यह दुखद हत्या उस कानून-व्यवस्था की कमी को दिखाती है जिसने उनकी सरकार को गिरा दिया था और यूनुस राज में यह और बढ़ गई है। हिंसा आम बात हो गई है। ऐसी घटनाएं बांग्लादेश को अंदर से अस्थिर कर रही हैं। भारत इस अराजकता, अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार और उन सभी चीजों के खत्म होने का इंतजार कर रहा है जो हमने मिलकर बनाई थीं।उन्होंने कहा कि जब आप अपनी सीमा के अंदर बुनियादी व्यवस्था बनाए नहीं रख सकते, तो अंतरराष्ट्रीय मंच पर आपकी विश्वसनीयता खत्म हो जाती है। यही यूनुस के बांग्लादेश की सच्चाई है। हसीना ने कहा कि अवामी लीग के बिना चुनाव, चुनाव नहीं बल्कि राज्याभिषेक होगा। ऐसे किसी भी चुनाव से बनने वाली सरकार में शासन करने का नैतिक अधिकार नहीं होगा।हसीना ने भारत-बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक तनाव पर कहा कि यह पूरी तरह से यूनुस की वजह से है। उन्होंने कहा कि यूनुस सरकार ने कट्टरपंथी तत्वों को संरक्षण दिया है। दोषी आतंकियों को जेल से छोड़ा है। इससे देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान खतरे में पड़ गई है। उन्होंने आगाह किया कि यह सूरत-ए-हाल ना सिर्फ भारत, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।