Wednesday , October 29 2025

विश्व स्ट्रोक दिवस पर आयोजित की जागरुकता कार्यशाला

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व स्ट्रोक दिवस के अवसर पर स्ट्रोक की रोकथाम, जोखिम कारकों और आपातकालीन प्रतिक्रिया के बारे में जागरूकता के लिए नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जानकीपुरम में कार्यशाला आयोजित की गई। यूपीएचसी की प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नीरज सिंह ने राधासखी फाउंडेशन के निदेशक अभिषेक सिंह और सीईओ डॉ. प्रीती तिवारी के साथ मिलकर 30 से अधिक आशा और एएनएम को एक व्यापक हिंदी भाषा प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने का अवसर प्रदान किया। ये फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ता हृदय संबंधी आपात स्थितियों पर गहन जानकारी से समृद्ध हुईं।

इंटरैक्टिव कार्यशाला में हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट की बारीकियों पर चर्चा की गई। जिसमें छाती में दर्द, सांस फूलना और अचानक बेहोशी जैसे लक्षणों का वर्णन किया गया। साथ ही उन मिथकों को भी तोड़ा गया जो अक्सर हस्तक्षेप में देरी का कारण बनते हैं। कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) पुनरुद्धार तकनीकों पर विशेष जोर दिया गया। प्रति मिनट 100-120 बीट्स पर छाती पे दबाव देना, बचाव सांसें और उपलब्ध होने पर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (एईडी) का उपयोग। 

प्रतिभागियों ने हाथों-हाथ सिमुलेशन अभ्यास किया, जिससे स्वर्णिम घंटे के दौरान जीवन रक्षा कार्रवाइयों में आत्मविश्वास बढ़ा। एक प्रमुख आकर्षण सोर्बिट्रेट (सबलिंगुअल नाइट्रोग्लिसरीन) का विवेकपूर्ण उपयोग था, जहां डॉ. नीरज ने एंजाइना राहत के लिए खुराक बतायी।

अभिषेक सिंह ने फाउंडेशन की सामुदायिक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को मजबूत करते हैं। 

डॉ. प्रीती ने अपनी विशेषज्ञता से स्ट्रोक और हृदय जोखिमों के बीच तालमेल को रेखांकित किया। आशा और एएनएम को द्वार-द्वार पर परामर्श में इन शिक्षाओं को एकीकृत करने का आह्वान किया। यह सहयोगी प्रयास न केवल विश्व स्ट्रोक दिवस का संदेश बढ़ा रहा, बल्कि जमीनी स्वास्थ्य नेटवर्क को मजबूत कर अनगिनत त्रासदियों को टालने में सक्षम बना रहा है।