लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में सोमवार को कुलपति प्रो0 जेपी पाण्डेय की अध्यक्षता में वित्त समिति की बैठक हुई। बैठक में करीब 142 करोड़ रूपये के बजट पर चर्चा की गयी। साथ ही विभिन्न प्रस्तावों के लिए बजट तय किया गया। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रहा विश्वविद्यालय के घटक संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी लखनऊ के लिए 54 करोड़ के बजट का प्रस्ताव। इस बजट के जरिये संस्थान को आधुनिक तकनीकी से युक्त गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं, हाइटेक क्लासरूम, सेंटर ऑफ एक्सिलेंस बनाया जाएगा। ताकि छात्रों को अच्छी से अच्छी तकनीकी और शिक्षा मुहैया करायी जा सके।
नैक समिति के निरीक्षण के दौरान विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाये जाने का सुझाव दिया गया था। इस क्रम में फैकल्टी ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग में धरोहर (ए रिपोसिटरी फॉर इंडियन नॉलेज सिस्टम आइकेएस सेंटर) बनाये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। इसके लिए 50 लाख रूपये का बजट तय किया गया है। साथ ही आईकेएस में माइनर कोर्स चलाने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगी।
वहीं एफओएपी के सभी कर्मियों को आधुनिक तकनीकी में सबल बनाने के लिए 50 लैपटॉप देने के प्रस्ताव पर भी सहमति बनी। संस्थान के महिला छात्रावास के उच्चीकरण के लिए 13 लाख रूपये का बजट स्वीकृत किया गया।
बैठक में विश्वविद्यालय एवं घटक संस्थानों के कर्मियों के कल्याण के लिए भी कई प्रस्तावों पर मुहर लगी। इसमें कर्मचारी कल्याण कोष के तहत किसी भी कर्मचारी के मृत्यु पर 15 लाख रूपये, एनपीएस कर्मियों को राज्य सरकार के शासनादेश को अंगीकृत करते हुए मृत्यु पर पुरानी सुविधाओं का लाभ, महिला कर्मियों को शिशु देखभाल अवकाश, प्रसूति अवकाश, विभिन्न बीमा कंपनियों के जरिये कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के लिए 10 लाख रूपये का निःशुल्क स्वास्थ्य चिकित्यकीय सुविधा, ब्याज रहित अग्रिम भुगतान सात लाख एवं दस लाख रूपये करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गयी।
इसके अलावा विश्वविद्यालय में विजिटिंग, डिजिन्स्टिगुइस एवं एमिरिट्स प्रोफेसर रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार शुरू किये गये बीटेक पाठ्यक्रम के लिए भी बजट तय किया गया। इसके अलावा सामाजिक कार्यों के तहत गोद लिये गये गांवों में कार्य कराने आदि के लिए एक करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया। विभिन्न प्रस्तावों को वित्त अधिकारी एवं कार्यवाहक कुलसचिव केशव सिंह ने प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रतिकुलपति प्रो0 राजीव कुमार, आईईटी के निदेशक प्रो0 विनीत कंसल, एफओएपी की प्राचार्या प्रो0 वंदना सहगल सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।