लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ZEE5 दर्शकों के लिए मैडॉक फिल्म्स की प्रस्तुति तेहरान लेकर आ रहा है — एक रोमांचक भू-राजनीतिक जासूसी थ्रिलर, जिसमें जॉन अब्राहम, मानुषी छिल्लर, नीरू बाजवा और मधुरिमा तुली मुख्य भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म 14 अगस्त 2025 को रिलीज़ होगी। यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक काल्पनिक प्रस्तुति है, जिसकी पृष्ठभूमि में इज़राइल और ईरान के बीच बढ़ता वैश्विक तनाव है। अरुण गोपालन द्वारा निर्देशित यह फिल्म अंतरराष्ट्रीय जासूसी की रहस्यमय दुनिया में प्रवेश कराती है, जहां एक व्यक्ति की निष्ठा ही वफादारी और विश्वासघात के बीच की सीमाओं को बदल सकती है।
जैसा कि ट्रेलर में देखा गया, तेहरान की कहानी 2012 में दिल्ली स्थित इज़रायली दूतावास के पास हुए बम विस्फोट से प्रेरित है। एक वास्तविक घटना जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जटिल राजनयिक प्रभाव पैदा किए। जब एसीपी राजीव कुमार (जॉन अब्राहम) को एक गुप्त अभियान में शामिल किया जाता है। जो महाद्वीपों, विचारधाराओं और टूटे हुए गठबंधनों तक फैला है, तो सही और गलत के बीच की रेखाएं धुंधली होने लगती हैं। क्या राजीव भारत का सच्चा देशभक्त है, जो परदे के पीछे से देश का भविष्य बना रहा है — या फिर एक ऐसा अधिकारी जो अपने ही नियमों से खेल रहा है?
नीरू बाजवा, मानुषी छिल्लर और मधुरिमा तुली जैसे कलाकारों से सजी तेहरान केवल एक महाद्वीपों तक फैली थ्रिलर फिल्म नहीं है—यह एक मनोवैज्ञानिक और राजनीतिक संकट क्षेत्र है। यह फिल्म केवल जासूसी अभियानों की कहानी नहीं कहती, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति, छल-कपट और मानसिक रणनीतियों की गहराई से पड़ताल करती है।

कावेरी दास (बिज़नेस हेड – हिंदी, ZEE5) ने कहा, “ZEE5 में हमारा मानना है कि कहानियाँ केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं होतीं, वे सोच को प्रेरित करती हैं और हमारे समय की सच्चाई को भी दर्शाती हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर हमें गर्व है कि हम दर्शकों के लिए तेहरान ला रहे हैं। एक ऐसी थ्रिलर जो देशभक्ति, जासूसी और नैतिक संघर्ष की जटिल दुनिया में गहराई से उतरती है। यह कहानी उन गुमनाम नायकों पर आधारित है जो पर्दे के पीछे रहकर देश की सेवा करते हैं, और एक ऐसे व्यक्ति पर केंद्रित है जिसकी भूमिका यह बड़ा सवाल खड़ा करती है — क्या वह देश की रक्षा कर रहा है, या उसका विश्वासघात? मैडॉक फिल्म्स के साथ मिलकर हम एक ऐसी कहानी प्रस्तुत करने को लेकर उत्साहित हैं जो निष्ठा और बलिदान को लेकर बनी पारंपरिक सोच को चुनौती देती है।”
निर्माता दिनेश विजान ने कहा, “तेहरान उन सुर्खियों के पीछे छिपी असल बात पर ध्यान केंद्रित करती है — यानी लोग पर। यह फिल्म एक इंसान की अंतरात्मा की कहानी है और इस बात को दर्शाती है कि कैसे एक अकेली जान भी अंतरराष्ट्रीय संबंधों की दिशा बदल सकती है। यह ऐसा शैली है जिसे हम भारत में बहुत कम ही दिखाते हैं। लेकिन मैडॉक फिल्म्स में हमारा हमेशा से यही लक्ष्य रहा है कि हम ऐसी कहानियाँ प्रस्तुत करें जो दिल और आत्मा से जुड़ी हों। तेहरान भी ऐसी ही एक कहानी है, और हमें पूरा विश्वास है कि दुनिया भर के दर्शक इसे पसंद करेंगे।”
निर्देशक अरुण गोपालन ने कहा, “मेरे लिए तेहरान एक ऐसा आईना है जो इस बंटी हुई दुनिया को दिखाता है। यह कहानी है बदलती वफ़ादारी, धुंधली होती पहचान और उस मानवीय कीमत की, जो वैश्विक राजनीति की परछाइयों में छुपी होती है। हमने इस फिल्म को पूरी ईमानदारी और संयम के साथ बनाया, क्योंकि जिस सच्चाई से यह प्रेरित है, वह कल्पना से बहुत दूर है। इन पात्रों द्वारा लिया गया हर निर्णय महत्वपूर्ण है; हर चुप्पी, हर विश्वासघात अपनी एक गहरी छाप छोड़ता है। मैं जॉन, मानुषी और पूरी टीम का आभारी हूँ, जिन्होंने इसकी जटिल दुनिया में साहस और सच्चाई के साथ कदम रखा। तेहरान एक साधारण जासूसी थ्रिलर नहीं है — यह एक तनावपूर्ण, ऊर्जा से भरपूर यात्रा है, जो दर्शकों को यह सोचने पर मजबूर करती है: आप किसकी सच्चाई पर विश्वास करते हैं?”
जॉन अब्राहम ने कहा, “तेहरान एक सचमुच वैश्विक फिल्म है — यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है, लेकिन इसकी गूंज सीमाओं से कहीं आगे तक जाती है। तेहरान में एसीपी राजीव कुमार का किरदार निभाना मेरे करियर के सबसे गहरे और मुश्किल भूमिकाओं में से एक रहा, क्योंकि वह पारंपरिक देशभक्त नहीं है। वह एक ऐसा इंसान है जो लगातार अपने कर्तव्य और अंतरात्मा के बीच झूलता रहता है, और यही नैतिक द्वंद्व इस कहानी को इतना प्रभावशाली बनाता है। यह फिल्म अच्छाई और बुराई के बीच की लड़ाई नहीं है — बल्कि यह उन धुंधले इलाकों में रास्ता बनाने की कहानी है, जहाँ सही और गलत स्पष्ट नहीं होते। मैं इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता हूँ, क्योंकि यह उन जटिलताओं को सामने लाने का साहस करता है, जिन पर अक्सर बात नहीं होती। और मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ कि दर्शक इस स्वतंत्रता दिवस पर ZEE5 पर इसे देखें और अनुभव करें। मैं इस फिल्म को वैश्विक मंच देने के लिए ZEE5 का भी आभारी हूं क्योंकि ईमानदारी से कहूं तो तेहरान भारत की पहली अंतरराष्ट्रीय फिल्म है।”
नीरू बाजवा ने कहा, “तेहरान अब तक की मेरी किसी भी फिल्म से बिल्कुल अलग है — यह एक ऐसी कहानी है जो जितनी राजनीतिक रूप से जटिल है, उतनी ही भावनात्मक रूप से गहन भी। मुझे इस कहानी की ओर खींचने वाली चीज़ थी मेरे किरदार की दृढ़ता और स्पष्टता। वह एक ऐसी महिला है जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने सिद्धांतों पर अडिग रहती है और ईमानदारी को चुनती है, भले ही उसके चारों ओर की दुनिया बिखर रही हो। इस फिल्म में एक ऐसी महिला का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए गर्व की बात है, जो नैतिक रूप से मजबूत है और अपने विश्वास के लिए डटकर खड़ी होती है। तेहरान सिर्फ मनोरंजन नहीं देती — यह सोचने पर मजबूर करती है, और मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसी फिल्म का हिस्सा हूँ जो साहसिक है, समय के अनुरूप है, और बिना किसी संकोच के सच्चाई को प्रस्तुत करती है।”