लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। युवराष्ट्र संस्था की ओर से बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान के सभागार में बुधवार को कारगिल के बलिदानियों की स्मृति में गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल ने कहा कि भारत के गौरवशाली इतिहास के बारे में युवाओं को जानना चाहिए। सामरिक दृष्टि से, ज्ञान विज्ञान व शिक्षा के क्षेत्र में भारत अग्रणी था। अर्थ की दृष्टि से देखें तो भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।
उन्होंने कहाकि युवाओं में स्व का जागरण करने की जरूरत है। उनके मन में हीन भावना और निराशा को दूर करने की जरूरत है। प्रान्त प्रचारक ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा के लिए समय—समय पर वीरों ने बलिदान दिया है। युवाओं को चाहिए कि अपने देश की सीमाओं को जाकर देखें।
अमर शहीद चन्द्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद ने कहा कि भारत माता समय—समय पर चन्द्रशेखर आजाद व भगत सिंह जैसे सपूतों को पैदा करती है। चन्द्रशेखर आजाद ने कहा था कि ”मै आजाद था, आजाद हूँ और आजाद रहूँगा। उन्होंने कहा था कि इंग्लैंड की कंपनी में ऐसी कोई गोली नहीं बनी जो चन्द्रशेखर को भेद सके।
वीर चक्र विजेता कैप्टन शत्रुध्न सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को कारगिल युद्ध के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता बीरबल साहनी पुरावनस्पति विज्ञान संस्थान के निदेशक एम.जी. ठक्कर और मंच संचालन डा. भूपेन्द्र सिंह ने किया।
युवराष्ट्र संस्था के सुमित अवस्थी ने बताया कि ‘एक पेड़ कारगिल बलिदानियों के नाम’ अभियान के तहत लखनऊ के 35 संस्थानों में 527 पौधे लगाये गये। कारगिल युद्ध में अपने प्राणों का बलिदान देने वाले 527 वीर बलिदानियों की स्मृति में प्रत्येक बलिदानी के नाम से एक पौधा लगाया गया और पौधों के संरक्षण के लिए एक वृक्ष मित्र भी तय किये गये हैं।
इस अवसर पर विभाग प्रचारक अनिल, विभाग सेवा प्रमुख सुभाष अग्रवाल व युवराष्ट्र के वांछित सिंह, शरद मिश्र और दीपेन्द्र समेत बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।