लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। कहते हैं की घने से घने अंधेरे को दूर करने के लिए एक चिराग ही काफी है। उसी प्रकार अज्ञानता और निरक्षरता को दूर करने के लिए साक्षरता की एक पहल ही काफी है। ऐसे ही एक पहल शुरू की है लव ब्रिज सोशल केयर फाउंडेशन ने। जिसका उद्देश्य समाज में आर्थिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को चैरिटेबल शिक्षण सहयोग देना है।
फाउंडेशन की अकादमिक इंचार्ज शाजिया बानो बताती है कि संस्था के वर्तमान में दो सेंटर पूर्ण रूप से सुचारू है, जिसमें 110 से अधिक बच्चे चैरिटेबल शिक्षण सहयोग प्राप्त कर रहे हैं। एक केंद्र प्रभातपुरम और दूसरा पूर्वी खेड़ा में स्थित है जो कि पिछड़े क्षेत्र में गिने जाते हैं।

शाजिया कहती हैं कि क्षेत्र का जीवन स्तर निम्न सा है और यहां पर अधिकतर बच्चे अपने माता-पिता के साथ काम धंधे में लगे हुए हैं। कई बच्चे तो आज तक स्कूल गये ही नहीं और कुछ ऐसे हैं जिन्हे मार्गदर्शन अथवा कुछ विषयों में ट्यूशन की आवश्यकता है। साथ ही बस्ती में कन्या शिक्षा को लेकर एक अजीब उदासीनता है, लोग लड़कियों के शिक्षण पर ना तो व्यय करना चाहते हैं ना ही उसमें रुचि रखते हैं। ऐसे में उनकी टीम ने घर-घर जाकर लोगों से मिलकर समाज को शिक्षा एवं उसके महत्त्व के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया, जो काफी कठिन कार्य था। आज उनके दोनों सेंटर मिलाकर 100 से अधिक बच्चे चैरिटेबल शिक्षण सहयोग प्राप्त कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि केंद्रों में राष्ट्रभाषा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान मुख्य रूप से पढ़ाये जाते हैं। उसके अलावा राष्ट्रप्रेम, संस्कृति एवं संस्कारों के संरक्षण पर भी केंद्र का ध्यान रहता है। शाजिया बानो ने बताया कि उनकी संस्था का प्राथमिक उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा धन के अभाव में शिक्षण एवं साक्षरता से वंचित न रहे। कम से कम बस्ती के सभी बच्चे बेसिक शिक्षा और साक्षरता को प्राप्त कर सकें।
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