हाथरस (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पेप्सिको इंडिया ने पंडित जगत राम मेमोरियल फोर्स ट्रस्ट के सहयोग से हाथरस के चिंतागढ़ी गाँव में ‘गाँव का पानी गाँव में’ मॉडल गाँव का उद्घाटन किया। यह पहल ‘वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव’ के तहत की गई, जो जल संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है। विश्व जल दिवस 2025 से पहले आयोजित इस कार्यक्रम में हाथरस ब्लॉक के 10 गाँवों में जल सुरक्षा से जुड़ी पहलों की सफलता को प्रस्तुत किया गया, जिससे 2,300 से अधिक किसान परिवारों को लाभ मिला है।
पेप्सिको इंडिया की “साझेदारी से प्रगति” की सोच के अनुरूप, यह पहल कंपनी की सतत विकास और स्थानीय समुदायों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसमें स्थानीय भागीदारों और हितधारकों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव के तहत हर साल लगभग 8.12 करोड़ लीटर पानी संरक्षित किया गया है। जिससे 45 जल-संरक्षणीय फार्म विकसित किए गए और किसानों की आजीविका में सुधार हुआ। चिंतागढ़ी मॉडल गाँव सतत जल संरक्षण का एक आदर्श उदाहरण है, जहाँ वर्षा जल संचयन संरचनाएँ, एक पुनर्जीवित तालाब, जल-संरक्षणीय खेती और व्यापक सामुदायिक जागरूकता अभियान शामिल हैं। यह मॉडल पूरे देश में जल संरक्षण के लिए अपनाया जा सकता है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीरेन्द्र सिंह राणा (विधायक, सिकंदराराऊ, हाथरस) सहित कई विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। साथ ही राम (ग्राम प्रधान, चिंतागढ़ी), पूनम पांडे (ब्लॉक प्रमुख), ज्योति शर्मा (संस्थापक और अध्यक्ष, फोर्स और पेप्सिको इंडिया टीम) भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान 45 ‘स्मार्ट किसानों’ को सम्मानित किया गया, जिन्होंने जलवायु-स्मार्ट और जल-संरक्षणीय कृषि तकनीकों को अपनाकर उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
विधायक बीरेन्द्र सिंह राणा ने कहा, “मैं पेप्सिको इंडिया और फोर्स ट्रस्ट को इस प्रभावशाली पहल के लिए बधाई देता हूँ, जो सतत ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भूजल संरक्षण हमारे कृषि क्षेत्र और समुदायों के भविष्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। चिंतागढ़ी में हुआ यह सकारात्मक परिवर्तन प्रशंसनीय है, और मुझे पूरा विश्वास है कि इस मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक लागू किया जा सकता है, जिससे दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।”
यशिका सिंह (मुख्य कॉर्पोरेट अफेयर्स अधिकारी और सस्टेनेबिलिटी प्रमुख, पेप्सिको इंडिया और दक्षिण एशिया) ने कहा “वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव हमारे जल सकारात्मकता (Water Positivity) के संकल्प को मजबूत करता है, जो भूजल पुनर्भरण को बढ़ाने और जल-संवेदनशील कृषि को प्रोत्साहित करने पर केंद्रित है। कोसी में हमारे फूड्स मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के पास स्थित मॉडल वॉटर-स्क्योर विलेज यह दर्शाता है कि प्रभावी वर्षा जल प्रबंधन कैसे दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है। हम स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर किसानों को सतत जल स्रोत उपलब्ध कराने में सक्षम बना रहे हैं, जिससे उनकी कृषि क्षमता बढ़ रही है और आजीविका में सुधार हो रहा है। किसान और ग्रामीण पहले ही इस बदलाव को महसूस कर रहे हैं—बढ़ी हुई जल उपलब्धता से बेहतर फसल उत्पादन हो रहा है, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है। यह पहल हमारे ‘पार्टनरशिप फॉर प्रोग्रेस’ के सिद्धांत को दर्शाती है, जहां व्यवसाय, समुदाय और स्थानीय प्रशासन मिलकर स्थायी बदलाव लाने के लिए सहयोग करते हैं।”
पूनम पांडे (ब्लॉक प्रमुख) ने कहा “मैं वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव के लिए PepsiCo India और FORCE ट्रस्ट के सराहनीय कार्य की प्रशंसा करती हूँ। ‘गाँव का पानी गाँव में’ एक उल्लेखनीय पहल है, खासकर ऐसे समय में जब भूमिगत जल स्तर तेजी से घट रहा है। जल संरक्षण केवल वर्तमान की आवश्यकता नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के प्रति एक जिम्मेदारी भी है। यह पहल समुदायों को अपने जल संसाधनों की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित करेगी, जिससे दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित हो सके। आखिर जल ही जीवन है, और आज पानी बचाना यानी अपने गाँवों के भविष्य को सुरक्षित करना है।”

ज्योति शर्मा (संस्थापक और अध्यक्ष, फोर्स) ने कहा, “सतत जल प्रबंधन न केवल पर्यावरणीय संतुलन बल्कि आर्थिक मजबूती के लिए भी आवश्यक है। पेप्सिको इंडिया के साथ ‘गाँव का पानी गाँव में’, ‘सम्पूर्ण खेती’ और ‘जल शक्ति केंद्र’ जैसी पहलों के जरिए, हमने किसानों को जल संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सशक्त किया है। इससे उनकी आजीविका में सुधार हुआ है और वे स्मार्ट किसान बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव का लक्ष्य जल सुरक्षा के लिए व्यापक स्तर पर अपनाए जा सकने वाले मॉडल विकसित करना है, जो भूजल पुनर्भरण और प्रभावी जल प्रबंधन की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक हों।
गाँव का पानी गाँव में एक पहल शून्य वर्षा जल बहाव को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, जिससे गाँवों में हर बूंद वर्षा जल का संचयन और पुनर्भरण किया जा सके। इसके लिए बहु-बिंदु भूजल पुनर्भरण प्रणाली और तालाब पुनर्जीवन प्रयासों को अपनाया जाता है, जिससे जल संरक्षण को बढ़ावा मिलता है।
सम्पूर्ण खेती : यह जलवायु-अनुकूल और जल-संरक्षणीय कृषि को प्रोत्साहित करता है, जिससे पानी की खपत कम होती है और मिट्टी की उर्वरता व कृषि उत्पादकता में सुधार होता है। इस पहल के माध्यम से स्मार्ट किसानों का एक समुदाय विकसित किया जा रहा है। सटीक सिंचाई, डायरेक्ट सीडिंग और उन्नत मृदा प्रबंधन तकनीकों को अपनाकर किसान कम लागत में अधिक लाभ कमा सकते हैं और अपनी फसल की उपज में सुधार कर सकते हैं।
जल शक्ति केंद् एक सामुदायिक जागरूकता एवं संपर्क अभियान है, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण की जानकारी को व्यापक स्तर तक फैलाना है, ताकि इस पहल का प्रभाव परियोजना क्षेत्र से आगे बढ़कर अधिक से अधिक लोगों तक पहुँच सके।
जल संरक्षण सतत कृषि और सामुदायिक सशक्तिकरण का एक महत्वपूर्ण आधार है। पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक तकनीकों को एकीकृत करके, वाटरशेड हेल्थ इनिशिएटिव जैसी परियोजनाएँ किसानों को अपने भविष्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकती हैं, साथ ही प्राकृतिक संसाधनों के दीर्घकालिक संरक्षण को भी सुनिश्चित कर सकती हैं।