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बजट में एमएसएमई के कौशल और रोजगार पर ध्यान देना स्वागत योग्य कदम : IIA

कई वर्षों में पहली बार एमएसएमई को केंद्रीय बजट में जगह मिली है


लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), एमएसएमई की एक शीर्ष संस्था ने अपने मुख्यालय और सभी चैप्टर मुख्यालयों में केंद्रीय बजट अवलोकन और चर्चा सत्र का आयोजन किया।
केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा अपने भाषण में की गई बजट घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने एमएसएमई को वित्त पोषण, विनियामक परिवर्तन और प्रौद्योगिकी में समर्थन के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत किया। श्री सिंघल ने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धी दुनिया में यदि एमएसएमई को इन तीन प्रमुख क्षेत्रों में पर्याप्त समर्थन प्रदान किया जाता है, तो भारतीय एमएसएमई फलने-फूलने लगेंगे। आज की तारीख में एमएसएमई में कुशल श्रमशक्ति की अनुपलब्धता भी एक बड़ी बाधा है जो एमएसएमई की गुणवत्ता और उत्पादकता को प्रभावित कर रही है। इसलिए, 5 वर्षों में 20 लाख युवाओं को कौशल प्रदान करने और रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन देने की वित्त मंत्री की घोषणा निश्चित रूप से इस समस्या को कम करेगी। श्रमशक्ति का कौशल विकास आईआईए के मिशन “Transform MSME’s Towards Industry 4.0 And 48” की ओर आगे ले जाने में भी मदद करेगा। श्री सिंघल ने कहा कि आईआईए जल्द ही बजट के बारीक विवरणों का अध्ययन करेगा और वित्त मंत्री को बजट के बाद की प्रतिक्रिया देगा।


आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि MSME को संकट अवधि के दौरान ऋण सहायता आईआईए की लंबे समय से चली आ रही मांग रही है, जिसे इस वर्ष के बजट में पूरा किया गया है। यह सहायता बड़ी संख्या में एमएसएमई को कमजोर होने और बंद होने से बचाएगी और अंततः अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी। इस बजट में इज ऑफ़ डूइंग बिज़नेस पर ध्यान केंद्रित करना भी एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि, वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ घनिष्ठ बातचीत में जमीनी स्तर पर सरकारी प्रयासों की निगरानी की आवश्यकता होगी।
आईआईए के महासचिव आलोक अग्रवाल ने कहा कि ग्रामीण विकास और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये और बुनियादी ढांचे के लिए 11,11,111 करोड़ रुपये का प्रावधान निश्चित रूप से एमएसएमई के लिए अप्रत्यक्ष रूप से मददगार साबित होगा और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की गई हैं, लेकिन बजट आवंटन में इस पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। पिछले समय में यह देखा गया है कि एमएसएमई क्षेत्र को कुल बजट का नगण्य हिस्सा मिलता है। आईआईए को उम्मीद है कि इस बार एमएसएमई क्षेत्र के लिए पर्याप्त बजट प्रावधान उपलब्ध कराया जाएगा।
अवधेश अग्रवाल (राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष आईआईए) ने उम्मीद जताई कि आयकर अधिनियम 1961 की समीक्षा की घोषणा करदाताओं के लाभ के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएगी। दुनिया भर में यह स्थापित हो चुका है कि जैसे-जैसे आप कर प्रणाली को सरल बनाते हैं, सरकार का राजस्व बढ़ता है। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुकदमेबाजी और अपील प्रणाली को आसान बनाने के लिए बजट में की गई घोषणाएं स्वागत योग्य कदम हैं। एमएसएमई के लिए वित्त की लागत अधिक है और इस क्षेत्र को ब्याज में छूट की आवश्यकता है, जिसकी आईआईए ने वित्त मंत्री से मांग की थी। हालांकि, हमें बजट भाषण में इस संबंध में कुछ नहीं मिला।
आईआईए के पूर्व अध्यक्ष जीसी चतुर्वेदी ने बजट को एमएसएमई के लिए संतोषजनक बताया, हालांकि उन्होंने कहा कि पुरानी कर व्यवस्था में रह रहे व्यक्तिगत करदाताओं को कोई राहत नहीं दी गई है।
आईआईए की जीएसटी समिति के अध्यक्ष शशांक शेखर ने एमएसएमई के लाभ के लिए की गई घोषणाओं का स्वागत किया, जिसमें बिना गारंटी के टर्म लोन, मुद्रा लोन की सीमा में वृद्धि, TReDS में अनिवार्य ऑनबोर्डिंग के लिए बढ़ा हुआ दायरा, खाद्य विकिरण के लिए एमएसएमई इकाइयां, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण और घरेलू उद्योगों के लाभ के लिए सीमा शुल्क में कमी/छूट शामिल है।
बजट अवलोकन और चर्चा सत्र में वीके अग्रवाल (पूर्व अध्यक्ष आईआईए), प्रदीप गुप्ता (अध्यक्ष एमएसएमई नीतियां और योजनाएं समिति), अमन अग्रवाल (चेयरमैन आईआईए अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति), अलकेश सोती (डिविजनल चेयरमैन देवीपाटन मंडल), प्रमित कुमार सिंह (डिविजनल चेयरमैन आईआईए अयोध्या मंडल), राजीव बंसल (डिविजनल चेयरमैन लखनऊ मंडल), विकास खन्ना (चेयरमैन लखनऊ चैप्टर), कैप्टन राजेश तिवारी (चेयरमैन बाराबंकी चैप्टर) और उदित आजाद (चेयरमैन रायबरेली चैप्टर) उपस्थित रहे और अपने विचार रखे।