लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारत की अग्रणी वैश्विक एयरलाइन, एयर इंडिया ने अपने बढ़ते एयर कार्गो परिचालन में अत्याधुनिक डिजिटल प्रक्रिया अपनाने के लिए ट्रैवल इंडस्ट्री के लिए एसएएएस समाधानों में वैश्विक स्तर पर अग्रणी आईबीएस सॉफ्टवेयर का चयन किया है।
एयर इंडिया ने अपनी वृद्धि योजना और एयरलाइन के अत्याधुनिक डिजिटल प्रक्रिया अपनाने के मौजूदा प्रयास में मदद के लिए आईबीएस सॉफ्टवेयर के आईकार्गो समाधान को चुना है। आईबीएस सॉफ्टवेयर का पूरी तरह से एकीकृत आईकार्गो समाधान, एयर इंडिया को एंड-टू-एंड कार्गो प्रबंधन को डिजिटल बनाने में मदद करेगा। जिससे बिक्री से लेकर बिलिंग तक कार्गो से जुड़े विभिन्न परिचालन को एक ही एकीकृत प्लेटफॉर्म के भीतर सहज रूप से एकीकृत किया जा सकेगा। इससे एयर इंडिया को प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और निर्णय लेने की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब एयर इंडिया ने यात्री सेवा, बेड़े और कार्गो परिचालन जैसे मुख्य व्यवसायों में उल्लेखनीय डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत की है।
एयर इंडिया के मुख्य वाणिज्यिक एवं परिवर्तन अधिकारी, निपुण अग्रवाल ने कहा “एयर इंडिया न केवल विमानन क्षेत्र में अपनी वैश्विक नेतृत्व की स्थिति को मज़बूत करने, बल्कि भावी वृद्धि की बुनियाद रखने के लिए परिवर्तन यात्रा पर है। एयर कार्गो भविष्य में वृद्धि के लिए हमारे खाके के प्रमुख तत्वों में से एक है और इसके मूल में टेक्नोलॉजी होगी।”
आईबीएस सॉफ्टवेयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सोमित गोयल ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए कहा “दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइनों में से एक के रूप में, एयर इंडिया के साथ साझेदारी करना आईबीएस सॉफ्टवेयर के लिए गर्व का क्षण है। भारतीय विमानन बाज़ार में तेज़ी आ रही है और हम एक ऐसी कंपनी के साथ साझेदारी कर उत्साहित हैं, जो इस विकास को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। हमें गर्व है कि एयर कार्गो उद्योग के लिए हमारा अग्रणी डिजिटल प्लेटफॉर्म, एयर इंडिया की कार्गो पेशकश के महत्वाकांक्षी परिवर्तन लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा और इसे मज़बूती से आगे ले जाएगा।”
आईकार्गो की पहली एंड-टू-एंड क्रियान्वयन परियोजना की आपूर्ति शुरुआत से नौ महीने के भीतर हो जाएगी, जो एयर इंडिया को तत्काल व्यावसायिक लाभ प्रदान करेगी। अगले चरणों में वृद्धिपरक मूल्य-वर्धित क्षमताएं पेश की जाएंगी, जिससे एयर इंडिया की कार्गो क्षमताओं में और वृद्धि होगी, क्योंकि यह 2030 तक 10 मिलियन टन सालाना एयर कार्गो को संभालने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास कर रही है।