जौनपुर (टेलीस्कोप टुडे डेस्क)। 2019 में, जौनपुर के मतदाताओं ने गठबंधन प्रत्याशी पर भरोसा कर उन्हें सांसद बनाया, लेकिन उनके पूरे कार्यकाल में जनमानस को अपने बीच सांसद की उपस्थिति और क्षेत्र में सक्रियता की कमी लगी। एक बार पुनः वे प्रत्याशी के रूप में चुनावी रण में हैं मगर आम जनमानस में उनके प्रति उत्साह की कमी व्याप्त है। यह कहना है ओम प्रकाश ‘बाबा’ दुबे का।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि पुनर्गठित गठबंधन ने जौनपुर पर बांदा से लाकर ऐसे व्यक्ति को प्रत्याशी के रूप में थोपा है, जो एनआरएचएम घोटाले और स्वास्थ अधिकारियों की हत्या के आरोपों में घिरे हैं एवं अन्य गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक मामलों में लिप्त होने के साथ चार वर्ष से अधिक जेल भी रह चुके हैं। जिसकी स्वीकारोक्ति उक्त बेल पर छूटे प्रत्याशी ने स्वयं अपने हलफनामे में स्पष्ट की है। चुनाव के परिणाम तो दूर की बात है, सर्वप्रथम यह स्वयं में दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा व्यक्ति जौनपुर को प्रत्याशी के रूप में अनर्गल दिया गया है।
समकालीन परिस्थितियों के ध्यानार्थ, जौनपुर के हित को सर्वोपरि रखते हुए, बाबा मित्र परिषद परिवार, क्षेत्र, समर्थकों और शुभचिंतकों से विचारोपरांत सर्वसम्मति से यह निर्णय हुआ है कि देश और प्रदेश में सेवारत पार्टी के प्रत्याशी कृपा शंकर सिंह का समर्थन करना उचित है।
कृपा शंकर सिंह स्वयं आकर मिले और अपने दल के सरकारों से जनपद हेतु जौनपुर की आकांक्षाओं से जुड़ी उपकारी योजनाओं को लागू करवा कर तीव्र गति से प्रगति सुनिश्चित करने का विश्वास दिलाया है। साथ ही आप सब से हमारे आग्रह पर मिलने वाले सहयोग का मान और पहचान बनाए रखने का वचन दिया है।