अनुसंधान इकाई की संयुक्त देखरेख में कार्य करेंगे यूपीएसआईएफएस के छात्र : डॉ. जीके गोस्वामी
एनजीओ के साथ कार्य करने से छात्रों के भीतर समाज के प्रति सेवा भाव में वृद्धि होगी : निदेशक
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फरेंसिक साइन्स लखनऊ ने आज पहली बार किसी एनजीओ (FXB India Suraksha, Kalkaji, New Delhi) से एमओयू हस्ताक्षरित किया। यह एमओयू संस्थान के निदेशक, डॉ. जीके गोस्वामी एवं FXB India Suraksha, Kalkaji, New Delhi के सीईओ सत्य प्रकाश के बीच लखनऊ में हस्ताक्षरित हुआ।
यूपीएसआईएफएस के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि एनजीओ से एमओयू हस्ताक्षरित कराने का मूल उद्देश्य यह है कि छात्रों को समाज से किसी न किसी माध्यम से सीधे जोड़ा जा सके। चूँकि एनजीओ के द्वारा सामाजिक स्तर पर निचले पायदान तक संवेदनशीलता के साथ मानवीय दृष्टिकोण से भी कार्य किये जाते हैं। उन कार्यो में यूपीएसआईएफएस के छात्रों की भागीदारी से जहाँ समाज को हम अपनी सेवाओं से लाभान्वित करेंगे, वहीं पर छात्रों के भीतर भी समाज के प्रति सेवा भाव में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि इस क्रम में आज यूपीएसआईएफएस ने एमओयू FXB India Suraksha, Kalkaji, New Delhi के साथ हस्ताक्षरित किया।
डॉ. गोस्वामी ने बताया कि FXB India Suraksha, Kalkaji, New Delhi एनजीओ द्वारा वर्तमान में देश के कई प्रान्तों में हाशिए पर रहने वाले लोगों को एकीकृत विकासात्मक सहायता प्रदान कर ग्रामीण और शहरी भारत में परिवार और समुदायों में बाल संरक्षण, महिला सुरक्षा और लिंग आधारित हिंसा के क्षेत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं का संचालन और कार्यान्वयन करने के साथ-साथ शैक्षणिक, प्रशिक्षण, अनुसंधान और प्रकाशन का कार्य करना है। इस एनजीओ द्वारा मानव तस्करी के रोकथाम आदि पर भी कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि यूपीएसएफआईएस के छात्रों द्वारा इस एनजीओ के साथ अपने शैक्षणिक सत्र में इंटर्नशिप कार्यक्रम किया जायेगा, जिसके माध्यम से छात्र जमीनी स्तर पर मानवीय पीड़ा को समझते हुए मूल कारणों पर कार्य कर सकेंगे। इस एमओयू से दोनों संस्थानों के बीच अनुसंधान, प्रशिक्षण और प्रकाशन पर बाल संरक्षण, महिला सुरक्षा और लिंग आधारित हिंसा के क्षेत्र में सहयोगात्मक प्रयास में वृद्धि होगा। यूपीएसआईएफएस, लखनऊ के फोरेंसिक विज्ञान, कानून और अन्य विज्ञान के छात्र एफएक्सबी इंडिया सुरक्षा में अनुसंधान इकाई की संयुक्त देखरेख में ही काम करेंगे।
इस अवसर पर सीईओ सत्य प्रकाश ने कहाकि हर सिक्के के दो पहलू होते हैं और दोनों को देखना और जाँचना अनिवार्य है। उन्होंने छात्रों को मिशन वात्सल्य के बारे में बताया और कहा कि यह मिशन वात्सल्य बच्चों एवं महिलाओं की सुरक्षा एवं बेहतर जीवन के लिए समर्पित है, जिसका हम लोग पूर्णतया लाभ नहीं ले पा रहे हैं। उन्होंने निर्भया केस का भी उदाहरण देते हुए, उस अपराध में सम्मिलित नाबालिग के उपर भी प्रकाश डाला।
इस अवसर पर एक विशिष्ट व्याख्यान सत्र भी आयोजित किया गया था। जिसमें विशिष्ट अतिथि डॉ. के. थंगराज (वरिष्ठ वैज्ञानिक, सीसीएमबी, हैदराबाद) ने छात्रों से संवाद करते हुए डीएनए फिंगरप्रिटिंग के अन्तर्गत आने वाली सभी तकनीकियों का विस्तृत एवं वैज्ञानिक वर्णन किया। इस व्याख्यान में उन्होंने वाई-क्रोमोजोनल एनालिसिस तथा विज्ञान के वर्तमान अनुसंधानिक विषय माइटोकॉन्ड्रियल डीएनए एवं उसकी फॉरेन्सिक महत्ता के बारे में गहनता से बताया। विभिन्न केस-स्टडीज के माध्यम से उन्होंने डीएनए की कोर्ट में प्रमाणिकता की एवं उपयोगिता के बारे में भी छात्रों को समझाया।
व्याख्यान सत्र में ही डॉ. हीरालाल (विशेष सचिव) ने छात्रों के बीच व्याख्यान देते हुए कहा कि जीवन संघर्ष ही हमें दुनिया से लड़ने की क्षमता देती है। छात्रों को पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य योग्यताओं को भी आत्मासात करना चाहिए, जो जीवन को गति देने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। उन्होंने अपने द्वारा संचालित मिशन मॉडल-गाँव के बारे में भी बताते हुए कहा कि किताबी विषयों के अतिरिक्त सामाजिक जुड़ाव-लगाव भी रखने चाहिए, जो जीवन जीने के लिए हमें व्यावहारिक रूप से सुगम रास्ता उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी पर भी प्रकाश डाला।
कार्यक्रम के अन्त में चिरंजीव मुखर्जी (उप-निदेशक, यूपीएसआईएफएस) ने समस्त अधिकारीगणों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी अतुल कुमार यादव सहित शिक्षकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन यूपीएसआईएफएस के छात्रों द्वारा किया गया।