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व्यक्ति के जीवन में संत जैसा स्वभाव होना चाहिए : देवमुरारी बापू

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ऐशबाग रामलीला मैदान में चल रही श्री राम कथा के तृतीय दिवस आचार्य देवमुरारी बापू ने प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान शंकर ने माता पार्वती को राम कथा सुनाते हुए ब्रह्म की पहचान कराया व 10 लक्षण बताए। तत्पश्चात यह जान गए कि माता पार्वती राम कथा की अधिकारी हैं और श्री राम पर विश्वास हो गया है तो अब यह राम कथा की अधिकारी हो गई हैं। इसलिए राम जन्म के अनेक कारणों में से पांच प्रमुख कारण बताते हुए निर्गुण निराकार को सगुण साकार में मृत्यु लोक पर जन्म लेने का कारण क्या था वह बताया। 

उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम अयोध्या महाराज चक्रवर्ती दशरथ के यहां पुत्र के रूप में जन्म लेते हैं। “राम जन्म के हेतु अनेका” इस चौपाई के साथ ही यह बताया कि पृथ्वी पर जब अधर्म बढ़ता है, संत महात्मा और गाय को प्रताड़ित किया जाता है तो उनकी रक्षा के लिए प्रभु मनुष्य के रूप में जन्म लेते है। साक्षात परमात्मा को मनुष्य रूप में जन्म लेकर अनेक कष्ट उठाकर संत और गायों की रक्षा के लिए कष्ट सहना पड़ता है। श्री राम ने अपने पिता दशरथ के आंगन में जन्म लेकर यह भी उपदेश दिया यदि व्यक्ति धर्म का आचरण करता है और सदैव मेरा ध्यान धर्ता है। ऐसे व्यक्ति के यहां सुख समृद्धि देने के लिए मैं खुद जन्म लेता हूं और सारे संसार में उसका यश विस्तार कर देता हूं।

कथा व्यास ने बताया कि श्री राम ने माता कौशल्या को भी सम्मान दिया क्योंकि पिता से 10 गुना ज्यादा अधिकार एक पुत्र पर मां का होता है। माता कौशल्या की गोद में भगवान पहुंचे और यह उपदेश दिया की प्रेम की डोरी से मैं बंध जाता हूं और भक्त की गोद में पहुंच जाता हूं। इसलिए सच्चे प्रेम से मुझे जो याद करता है मैं उसके बंधन में हो जाता हूं।

“रामही केवल प्रेम प्यारा “जान लेई जो जानन हरा” उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम ज्यादा धन, ज्यादा रूपवान, ज्यादा वैभवशाली और ज्यादा ज्ञान से प्रसन्न नहीं होते हैं। भगवान केवल प्रेम से प्रसन्न होते हैं। इसलिए संत भगवान से निरंतर प्रेम करते हैं और अनुराग के साथ उनके नाम का जाप करते हैं। इसलिए सबसे पहले भगवान को संत लोग प्राप्त कर लेते हैं। व्यक्ति के जीवन में संत जैसा स्वभाव होना चाहिए। जिसका स्वभाव संत जैसा हो जाता है परमात्मा उसकी रात दिन रक्षा करते हैं।

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की धर्मपत्नी नमिता पाठक, आयोजन समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा, गौरव पांडे, जितेश श्रीवास्तव, संजय सक्सेना, सोनीका मिश्रा, सतपाल सिंह, पवन पांडे, निर्मल सिंह आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।